इंदौर : अंतर्राष्ट्रीय ठगी के कॉल सेन्टर का क्राईम ब्रांच इंदौर ने पर्दाफाश किया। पकड़े गए आरोपी इंदौर से अंतरराष्ट्रीय कॉल पर अमेरिका के नागरिकों के सोशल सिक्यूरिटी नंबर पर अवैधानिक गतिविधियॉ जैसे ड्रग्स ट्रेफिकिंग, मनी लोंड्रिंग के नाम से डराकर अमेरिकी डालर में ठगी करते थे।
लगभग एक वर्ष से ठगी का ये कॉल सेंटर को चलाया जा रहा था। क्राइम ब्रांच ने यहां से 21 कॉलर्स एवं क्लोसर को बंदी बनाया। इनमें 03 युवतियां भी शामिल हैं। अधिकांश युवक-युवतियां गुजरात के अहमदाबाद व बड़ोदा के रहने वाले हैं।
कुछ कॉलर इंदौर एवं मुंबई के भी हैं। आरोपियों ने बताया कि वे अमेरिका की विजिलेंस एजेंसी के नाम से लोगों को धमकाते थे।
अमेरिका के नम्बरों से कॉल करने के लिए आरोपी इंटरनेट कॉलिंग का उपयोग करते थे। हैरत की बात ये है कि आरोपियों के पास
अमेरिका के नागरिकों का डॉटा बेस भी था। पूछताछ में ठगौरों ने बताया कि वो फर्जी अमेरिकी नाम बताकर लोगों को झांसे में लिया करते थे।
ठगी का पैसा लेने के लिए आरोपी गिफ्ट कार्ड का उपयोग करते थे।
40 प्रतिशत काट कर हवाला से शेष 60 प्रतिशत हिस्सा इन जालसाजों को प्राप्त होता था।
क्रॉईम ब्रांच ने मुखबिर सूचना पर इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। ठगी का ये अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर निपानिया स्कीम नम्बर 94 स्थित ओ के बिल्डिंग के फ्लैट नम्बर 301 में संचालित किया जा रहा था। दबिश देने पर यहां से मैनेजर जोशी फ्रांसिस व आईटी हेड जयराज पटेल के अलावा 16 युवक व 3 युवतियां पकड़ी गई।
मौके से क्राइम ब्रांच को 20 cpu, server, व अन्य gadgets मिले हैं। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी व आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।उनसे आगे भी पूछताछ की जा रही है ताकि अन्य स्थानों पर की गई धोखाधड़ी की वारदातों का भी पता लगाया जा सके।