60 साल बाद जुलाई में हो रहा रेडीमेड गारमेंट फेयर का आयोजन।
16 जुलाई से 3 दिन का फेयर लाभ गंगा गार्डन में शुरू होगा।
देश – विदेश से गारमेंट फेयर में आएंगे वस्त्र व्यवसाई।
‘मिल से मॉल का सफर’ होगी टैग लाइन।
इंदौर : इंदौर रेडीमेड वस्त्र व्यापारी संघ द्वारा 60 साल के बाद पहली बार जुलाई माह में रेडिमेड गारमेंट फेयर का आयोजन किया जा रहा है । यह गारमेंट फेयर 16 जुलाई से शुरू होगा, जो 3 दिन तक चलेगा । इस फेयर में भाग लेने के लिए देश भर के व्यापारियों के साथ ही विदेश के वस्त्र व्यापारी भी बड़ी संख्या में इंदौर आएंगे । इस फेयर की टैग लाइन ‘मिल से मॉल का सफर ‘ रहेगी।
यह जानकारी इंदौर रेडीमेड वस्त्र व्यापारी संघ के अध्यक्ष आशीष निगम व सचिव विशाल दासोद ने पत्रकार वार्ता में दी । उन्होंने कहा कि रेडीमेड वस्त्र व्यापारी संघ द्वारा हर 2 वर्ष में एक बार रेडीमेड गारमेंट फेयर का आयोजन किया जाता है । इस फेयर के आयोजन के पीछे उद्देश्य यह है कि इंदौर में निर्मित रेडीमेड गारमेंट को देश और दुनिया के गारमेंट व्यापारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके । वैसे तो इंदौर देश का प्रमुख रेडीमेड गारमेंट का हब है , जिसके चलते पूरे देश के व्यापारी खरीददारी करने के लिए इंदौर आते हैं । इस गारमेंट फेयर के माध्यम से एक ही स्थान पर इंदौर के सैकड़ों रेडीमेड वस्त्र निर्माता अपने उत्पाद को प्रस्तुत करते हैं। इस बार के फेयर में इंदौर के करीब 287 वस्त्र निर्माता अपने उत्पाद पेश करेंगे।
देश – विदेश के वस्त्र व्यापारी करेंगे बुकिंग।
आशीष निगम ने बताया कि यह फेयर शनिवार 16 जुलाई से सोमवार 18 जुलाई तक लाभ गंगा गार्डन मे आयोजित किया गया है । फेयर का शुभारंभ 16 जुलाई को सुबह 11 बजे संतश्री उत्तम स्वामी महाराज के मुख्य आतिथ्य में होगा।सांसद शंकर लालवानी भी इस दौरान विशेष अतिथि के बतौर मौजूद रहेंगे। इस फेयर में इंदौर के 287 वस्त्र निर्माताओं द्वारा अपने उत्पाद प्रस्तुत और प्रदर्शित किए जाएंगे। यह फेयर आम नागरिकों के लिए नहीं है। आयोजकों ने बताया कि इस फेयर में देश के विभिन्न राज्यों और दुबई, कुवैत आदि स्थानों के वस्त्र व्यापारी भी आकर नवीनतम डिजाइनों के उत्पाद देखेंगे और अपने ऑर्डर की बुकिंग कराएंगे।
उत्तर – पूर्व भारत के कारोबारियों को भी भेजा है बुलावा।
आशीष निगम ने बताया कि त्योहारी सीजन और महापर्व दिवाली को ध्यान में रखते हुए जुलाई के महीने में यह फेयर आयोजित किया गया है, ताकि वस्त्र निर्माताओं के पास भरपूर ऑर्डर रहे ।श्री निगम ने बताया कि हमेशा गारमेंट फेयर में भाग लेने के लिए दक्षिण भारत के व्यापारी बड़ी संख्या में आते रहे हैं । इस बार के फेयर में हमने विशेष कोशिश करके दिल्ली , राजस्थान , उत्तर प्रदेश , बिहार , पश्चिम बंगाल के व्यापारियों को भी बुलवाया है । यह व्यापारी पहले इंदौर के गारमेंट फेयर में आते थे लेकिन पिछले 20 सालों से इनके द्वारा इंदौर के फेयर से दूरी बना ली गई। इस बार के फेयर में यह सभी व्यापारी भाग लेने के लिए आ रहे हैं । इससे इस फेयर की सफलता के अवसर और बढ़ गए हैं।
रिजनेबल होती है इंदौर में निर्मित गारमेंट की कीमत।
निगम ने कहा कि पूरे देश में मुंबई को रेडीमेड गारमेंट का सबसे बड़ा हब माना जाता है । इंदौर का स्थान उसके बाद आता है । नई डिजाइन, गारमेंट की क्वालिटी और रेट के मामले में अब हम मुंबई से भी आगे निकल रहे हैं ।अब तक नई फैशन की नई डिजाइन देने का जो काम मुंबई करता था वह काम अब इंदौर के वस्त्र निर्माताओं द्वारा अग्रणी रूप से किया जा रहा है । इंदौर के गारमेंट की कीमत भी बहुत रिजनेबल होती है । इससे भी इंदौर रेडीमेड गारमेंट फेयर की सफलता के दरवाजे खुलते हैं।
आम लोगों के लिए नहीं है फेयर।
आयोजकों ने साफ किया कि यह गारमेंट फेयर आम लोगों के लिए नहीं है, इसमें केवल बाहर से आनेवाले रेडीमेड वस्त्र व्यवसाई ही शिरकत कर सकते हैं।
हजार से 15 सौ करोड़ की बुकिंग का अनुमान।
रेडीमेड वस्त्र व्यापारी संघ के सचिव विशाल दासोद के अनुसार कोविड काल में वस्त्र व्यवसाय को खासा नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार हमें उम्मीद है कि फेयर के माध्यम से एक हजार से 15 सौ करोड़ की बुकिंग इंदौर के वस्त्र निर्माताओं को मिल सकेगी।