शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी लगाया गया प्रतिबंध।
केंद्र सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन।
नई दिल्ली : जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व का पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ समग्र जैन समाज के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने वहां पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी है।इस आशय का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक पारसनाथ (सम्मेद शिखरजी) क्षेत्र में शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई गई है। केंद्र सरकार के इस नोटिफिकेशन का जैन समाज ने स्वागत करते हुए आभार जताया है।
पारसनाथ मामले में बनाई समिति में जैन समाज के दो स्थाई सदस्य होंगे।
पारसनाथ मामले में एक समिति बनाई गई है। झारखंड सरकार को निर्देशित किया गया है कि वह इस समिति में जैन समुदाय के दो और स्थानीय जनजाति समुदाय के एक सदस्य को स्थाई सदस्य के बतौर शामिल करें।
बता दें कि पारसनाथ (सम्मेद शिखरजी) क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने से जैन समाज में आक्रोश व्याप्त हो गया था। देशभर में समाज के लोग आंदोलन कर रहे थे। उनकी मांग थी कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ी स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लिया जाए. क्योंकि वहां मांस और शराब की बिक्री होने लगेगी। इसे लेकर जैन समाज के तमाम पदाधिकारियों ने पर्यटन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की थी। उन्होंने जैन समाज को भरोसा दिलाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं का खयाल रखा जाएगा।