दिल्ली में पुलिस- वकीलों में हिंसक झड़प, कई वाहनों में की गई आगजनी व तोड़फोड़

  
Last Updated:  November 2, 2019 " 04:11 pm"

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार को जमकर बवाल हुआ। पार्किंग को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा की वकील और पुलिस आमने- सामने हो गए। दोनों पक्षों में हिंसक झड़पों के बीच वकीलों ने पुलिस कर्मियों की पिटाई कर दी। एक पुलिस वाहन सहित कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। घटना का कवरेज करने पहुंचे मीडिया कर्मियों के साथ भी मारपीट की गई। कुछ वकीलों को भी चोटें आने की खबर है जिन्हें अस्पताल भेजा गया।

वकील- पुलिसकर्मी के बीच कहासुनी से बढ़ा विवाद ।

बताया जाता है कि दोपहर में करीब साढ़े तीन बजे तीस हजारी कोर्ट परिसर स्थित लॉकअप के पास वाहन पार्किंग को लेकर एक वकील और पुलिस कर्मी के बीच कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ी की नौबत मारपीट तक पहुंच गई। देखते ही देखते तमाम वकील वहां एकत्रित हो गए। गुस्साए वकीलों कोर्ट के बाहर जाम लगा दिया। एक पुलिस वाहन को फूंक दिया और कई अन्य वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। कवरेज के लिए मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों के कैमरे व मोबाइल भी तोड़ दिए गए और उनकी पिटाई की गई। मौके पर भारी पुलिस बल भेजने के साथ दंगा विरोधी वाहन भी तैनात किया गया है।

वकीलों का आरोप फायरिंग से बिगड़े हालात।

उधर वकीलों का आरोप है कि पुलिस वाहन ने एक वकील की कार को टक्कर मारी। विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने वकील को लॉकअप में बंद कर बुरीतरह पीटा और फायरिंग की। इसके बाद हालात बिगड़े। उन्होंने फायरिंग में एक वकील के घायल होने का भी दावा किया।

बार काउंसिल ने की दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया और दिल्ली बार काउंसिल ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पार्किंग के मामूली विवाद में पुलिस ने वकीलों के साथ मारपीट कर फायरिंग शुरू कर दी। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बार काउंसिल ने दोषी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से की है।

पुलिस का फायरिंग से इनकार।

दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट परिसर में विवाद के दौरान किसी भी तरह की फायरिंग से इनकार किया है। उसने वकीलों के आरोप को सिरे से खारिज किया है।

सोमवार को हड़ताल पर रहेंगे वकील।

इस बीच पुलिस की कथित बर्बरता और फायरिंग के विरोध में दिल्ली के वकील हड़ताल पर रहेंगे। दिल्ली की सभी अदालतों में वकील कामकाज से विरत रहेंगे।

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