भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 26 फरवरी को दोपहर 3 बजे मिंटो हाल में दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के द्वितीय चरण में 100 नए रसोई केन्द्रों का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान इंदौर, उज्जैन, मुरैना, धार और छतरपुर जिले के रसोई केन्द्रों पर उपस्थित लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे। रसोई केन्द्र 52 जिला मुख्यालय और 6 धार्मिक नगर मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा और चित्रकूट में संचालित होंगे। कार्यक्रम को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और नगरीय विभाग एवं आवास राज्य मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया भी संबोधित करेंगे।
सतत निगरानी हेतु बना पोर्टल।
रसोई योजना की सतत निगरानी के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान इसका भी लोकार्पण मिंटो हाल में करेंगे। पोर्टल में प्रतिदिन लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या, रसोई केन्दों का विवरण, ऑनलाइन रसोई केन्द्रों व नगरीय निकायों को दान देने की सुविधा जन-सामान्य के लिए की गई है। इस पोर्टल में एक डैशबोर्ड भी है, जिससे योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता के साथ विभिन्न केन्दों में योजना के क्रियान्वयन की बेहतर समीक्षा हो सकेगी। योजना में सभी 99 रसोई केन्द्रों को google map पर भी टैग किया गया है। इससे रसोई केन्द्रों को आम नागरिक आसानी से ढूँढ सकते है।
जरूरतमंद की थाली-नहीं रहेगी खाली।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि योजना का मुख्य उददेश्य ”किसी जरूरत मंद की थाली-नहीं रहेगी खाली” है। रसोई केन्द्र में सोमवार से शनिवार तक 10 रूपये प्रति थाली भोजन दिया जाएगा। भोजन वितरण सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक किया जाएगा। रसोई केन्द्र की स्थापना बस स्टैण्ड़, रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल के पास की गयी है। योजना से शहर के गरीब लोगों के साथ ही गांवों से मजदूरी के लिए शहर आने वाले लोग भी लाभान्वित होंगे। दीनदयाल रसोई की थाली में रोटी, मौसमी सब्जी, दाल एवं चावल दिया जाएगा।
रसोई केंद्रों के लिए बजट स्वीकृत।
नवीन योजना में रसोई केन्द्रों की स्थापना के लिए 13 करोड़ 36 लाख रूपये एक-मुश्त सहायता और 15 करोड़ 84 लाख रूपये आवर्ती व्यय का बजट स्वीकृत किया गया है। पहली बार राज्य शासन द्वारा 5 रूपये प्रति व्यक्ति के मान से अनुदान स्वीकृत किया गया है। दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के रूप में संस्थागत व्यवस्था के उपलब्ध होने से कोविड काल में गरीब शहरी नागरिकों, अप्रवासी मजदूरों व जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया गया। महामारी के दौरान ये रसोई केन्द्र अत्यंत सार्थक सिद्ध हुए। प्रथम चरण के आरम्भ से अब-तक एक करोड़ 42 लाख थाली भोजन कराया जा चुका है।