इंदौर : देश- विदेश और प्रदेश के साथ इंदौर में भी रोशनी का पर्व दीपावली धूमधाम के साथ मनाया गया। आधे दिन बारिश होने के बाद भी लीगों के उत्साह में कोई कमीं नहीं आई। घर- घर दीप जलाए गए। रोशनी की गई और शुभ मुहूर्त में माता महालक्ष्मी का पूजन कर घर- परिवार की खुशहाली की कामना की गई। बाद में नाते- रिश्तेदारों, परिचितों और मित्रों को मिठाई खिलाकर दिवाली की शुभकामनाएं दी गई। निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में भी आकर्षक रोशनाई की गई थी। देर रात तक आतिशबाजी का सिलसिला भी चलता रहा।
बारिश बनी खलनायक।
शनिवार देर रात से शुरू हुआ बारिश का दौर रविवार को दोपहर तक जारी रहा। इससे फुटपाथ पर दुकान लगाकर सामान बेचने वाले परेशान होते रहे। पर जैसे ही बारिश थमीं लोग पूजन सामग्री की खरीददारी के लिए उमड़ पड़े। राजवाड़ा क्षेत्र खरीददारी का प्रमुख केंद्र रहा। लोगों ने पूजन सामग्री के साथ मिट्टी के दिये, सजावटी सामान, फूल, पत्ते, फल, झाड़ू, गन्ने और महालक्ष्मी के पोस्टर सहित अन्य वस्तुओं की खरीदी की। मिठाई खरीदने के लिए भी दुकानों पर लोगों का तांता लगा रहा।
बनाई रंगोली, सजाए वन्दनवार।
खरीददारी के बाद लोगों ने घरों की सफाई के साथ हार- फूलों और सजावटी सामान से घरों को सजाया। रंगोली बनाई गई और वन्दनवार सजाए गए।
शाम ढलते ही रोशन हुआ सारा शहर।
जैसे ही शाम ढली और अंधेरे ने अपना फन फैलाना शुरू किया, घर- घर असंख्य दिये जल उठे। नन्हे से दियों ने एकजुट होकर अंधेरे को भागने पर विवश कर दिया। नए कपड़ों में सजधजकर लोगों ने शुभ मुहूर्त में माता महालक्ष्मी की अगवानी की। पूजन के साथ आरती कर माता महालक्षमी से घर- परिवार की खुशहाली की कामना की गई। दफ्तरों और दुकानों में भी माता महालक्ष्मी का पूजन किया गया।
चला बधाइयों का दौर, खूब हुई आतिशबाजी।
माता महालक्ष्मी के आगमन और आराधना के बाद एक- दूसरे को दीप पर्व की शुभकामनाएं व बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। सोशल मीडिया पर शुभकामना सन्देशों की बाढ़ आ गई। आतिशबाजी का दौर भी देर रात तक जारी रहा। पटाखों की गूंज रह- रह कर सुनाई देती रही।
जगमगाई ऐतिहासिक इमारतें।
दिवाली के मौके पर राजवाड़ा सहित इंदौर की सभी ऐतिहासिक इमारतें रोशनी से जगमगा रहीं थीं। राजवाड़ा की छटा तो देखते ही बन रही थी। हजारों लोग इसे निहारने और मोबाइल में कैद करने यहां पहुंचे। इसके अलावा महापुरुषों के प्रतिमा स्थल, तमाम निजी और सार्वजनिक प्रतिष्ठान, मॉल्स और मार्केट्स भी रोशनी से सराबोर दिखाई दिए।
कुल मिलाकर रोशनी का पर्व दिवाली इंदौर में उसी उमंग, उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया जो इसकी पहचान और परम्परा रही है।