इंदौर : टोटल लॉकडाउन के दौरान अत्यावश्यक वस्तु दूध की आपूर्ति पर भी बंदिश लगाने का नतीजा सोमवार शाम दिखाई दिया। 30 घंटों के बाद जैसे ही प्रशासन ने दूध की आपूर्ति और विक्रय को हरी झंडी दिखाई, लोग दूध लेने के लिए डेयरी और दूध विक्रेताओं के यहां बड़ी तादाद में पहुंच गए। जगह- जगह दूध लेनेवालों की लंबी कतारें लग गई। लोग आम दिनों की अपेक्षा दुगुना- तीन गुना दूध खरीद रहे थे। हालात ये हो गए कि ज्यादातर जगहों पर सोशल डिस्टेंन्सिंग की धज्जियां उड़ गई। जिनके घरों में बच्चे हैं वे किसी भी कीमत पर दूध पाने के लिए उतावले हो रहे थे। कोरोना के डर पर बच्चों के लिए दूध की जरूरत भारी पड़ रही थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई जगह पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा।
हालात देखकर फिर बदला आदेश।
टोटल लॉक डाउन में दूध जैसी अत्यावश्यक वस्तु पर भी बैन लगाकर अपनी फजीहत करवाने वाले जिला प्रशासन ने सुबह 6 से 9 और शाम 5 से 7 बजे तक दूध आपूर्ति और विक्रय की छूट दी। सोमवार शाम दूध को लेकर जैसी मारामारी मची, उसे देखकर प्रशासन ने फिर अपने आदेश को संशोधित कर दिया। नए आदेश में मंगलवार से दूध आपूर्ति की छूट तो दी गई है पर दुकानों (डेयरी) से उसके विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दूध विक्रेताओं को सुबह 8 से 10 बजे तक घर- घर जाकर दूध बांटने की छूट दी गई है। किसी को भी घर से बाहर जाकर दूध या अन्य कोई भी वस्तु लाने की अनुमति नहीं होगी।
इस आदेश से वे लोग तो दूध पा सकेंगे जिनके घर बन्दी का दूध आता है पर वे लोग परेशानी में आ जाएंगे जो जरूरत के मुताबिक बाजार से दूध ले आते हैं।अब प्रशासन घर- घर दूध पहुंचाने के लिए क्या कदम उठाता है इसपर सबकी निगाह रहेगी।