नई दिल्ली: कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गरीबो, किसानों और युवाओं को सब्जबाग दिखाए हैं। इसी के साथ कुछ ऐसे मुद्दों को भी उसने वादों में शामिल कर लिया है जो देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं। राजनीतिक रूप से भी उसे इसका नुकसान हो सकता है।
ये हैं वो वादे..।
कांग्रेस ने दो ऐसे वादे घोषणापत्र में शामिल किए हैं जिनको लेकर विवाद छिड़ गया है। पहला विवादित वादा है आईपीसी की धारा 124A को खत्म करना जो देशद्रोह से संबंधित है और दूसरा है सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून AFSPA में बदलाव का। ये कानून जम्मू- कश्मीर सहित सीमावर्ती उन राज्यों में लागू है जहां अलगाववादी सक्रिय हैं।
पीएम मोदी ने कसा तंज, कांग्रेस का हाथ देशद्रोहियों के साथ।
कांग्रेस के घोषणापत्र को पीएम मोदी ने ढकोसला पत्र बताते हुए कहा कि कांग्रेस का हाथ देशद्रोहियों के साथ है। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश को गाली देनेवाले, भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाने वाले, तिरंगा जलाने वाले और संविधान को न मानने वालों के साथ कांग्रेस को सहानुभति है।
देश की एकता के खिलाफ है कांग्रेस का घोषणापत्र।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कांग्रेस के घोषणापत्र में किये गए वादों को देश की एकता के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू- कश्मीर को लेकर कांग्रेस ने जो ऐतिहासिक भूलें की हैं उन्हीं को वे आगे बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि वह जिहादियों और माओवादियों के इशारे पर काम कर रहा है।
AFSPA में बदलाव के वादे को लेकर भी साधा निशाना।
अरुण जेटली ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून में बदलाव के वादे को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश ने लंबे समय तक आतंकवाद झेला है। जम्मू- कश्मीर का एक हिस्सा हम 1947 में खो चुके हैं। आतंकी अभी भी कश्मीर में सक्रिय हैं। ऐसे में सुरक्षा बलों के अधिकारों को छिनने का कांग्रेस का वादा बेहद खतरनाक है।
सेना के मनोबल को कम कर रही कांग्रेस।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने भी प्रेस वार्ता के जरिये कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि AFSPA में बदलाव की बात कर कांग्रेस सेना का मनोबल तोड़ना चाहती है।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के इस कदम से कश्मीर के पत्थरबाजों और देश विरोधी तत्वों को बल मिलेगा।