इंदौर : पेशे से ट्रांसपोर्ट व्यवसायी बलविंदर सिंह छाबड़ा फौज में जाना चाहते थे। किसी कारणवश उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई तो फौजी वर्दी में हाथ में तिरंगा थामे जगह – जगह परफॉर्मेंस देकर देशभक्ति का अलख जगाते रहे। बरसों से इस काम को अंजाम दे रहे बलविंदर सिंह दो दिन पूर्व शुक्रवार सुबह सुदामा नगर स्थित एक योगा क्लास में हाथ में तिरंगा थामे परफॉर्मेंस दे रहे थे, तभी हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई।लोग ये सोच कर तालियां बजाते रहे कि यह भी उनकी परफॉर्मेंस का ही हिस्सा है। मौत से पहले बलविंदर मां तुझे सलाम गाने पर परफॉर्मेंस दे रहे थे। इसी दौरान स्टेज पर ही उनके सीने में दर्द हुआ और बेसुध होकर गिर पड़े. उन्हें देख रहे किसी भी को समझ नहीं आया कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। थोड़ी देर बाद जब वे नहीं उठे तो लोग दौड़े और सीपीआर देने के बाद समीप स्थित अस्पताल ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
वीर सपूतों में एक नाम इन्दौर का था लाफ्टर किंग वीरजी।
समाजसेवी मदन परमालिया ने कहा कि माँ तुझे सलाम गीत पर प्रस्तुति देते हुए बलविंदर सिंह छाबड़ा का एकाएक चले जाना बेहद पीड़ादाई होकर सभी की आँखे नम कर गया। वीर जी के नाम से ख्याति प्राप्त बलवीर सिंह छाबड़ा वर्षों से राष्ट्र की अस्मिता के प्रतीक तिरंगे झण्डे को साथ लेकर 15 अगस्त, 26 जनवरी और अन्य राष्ट्र त्यौहारों पर शहर के चौराहों पर देश भक्ति का जजबा जगाने में सदैव आगे रहते थे।सदैव मुस्कान बिखेरने वाले वीर जी को लाफ्टर किंग भी कहा जाता था। उनके पार्थिव शरीर का रीजनल पार्क स्थित मुक्ति धाम पर अंतिम संस्कार किया गया।
समाजसेवी मदन परमालिया ने बताया कि ऐसे जाबांज देश सेवक बिरले ही होते हैं जो सबकी खुशियों में शामिल होते हैं। देशभक्ति का अलख जगाने के साथ स्व. बलविंदर सिंह जी लोगों को हमेशा जिंदादिली से जीने के लिए प्रेरित करते थे।
बलवीर सिंह छाबड़ा को अनेक संस्थानों ने सम्मानित किया था। उन्हें नेताजी सुभाष मंच द्वाराk नेताजी सुभाष अलंकरण से 23h जनवरी को नवाजा गया था।ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व का यूं चले जाना बेहद पीड़ा देने वाला है। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे।