देशसेवा के सपने को लक्ष्य बनाकर देव ने तय किया एनडीए का सफ़र

  
Last Updated:  July 31, 2022 " 08:59 pm"

(राजेंद्र कोपरगांवकर) : देश प्रेम का जज्बा तो सभी के दिल में होता है पर ऐसे लोग कम ही होते हैं जो अपने बेटों को देश की रक्षा के लिए रक्षा सेवाओं का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करें। ऐसे युवा भी बिरले होते हैं, जो देशसेवा का सपना संजोकर उसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाते हैं। इंदौर का ऐसा ही एक 18 वर्षीय नौजवान है देव व्यास, जिसने थल सेना में जाने का न सिर्फ सपना संजोया बल्कि उसे जज्बे और जुनून में ढालते हुए सैन्य अधिकारी बनने का लक्ष्य तय कर उसे पाने में जुट गया। देव व्यास की अथक मेहनत, समर्पण और प्रयास रंग लाए। उसका चयन एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) के लिए हो गया है। कुछ ही दिनों में वह एनडीए को ज्वाइन कर लेगा। सबसे अहम बात ये है कि देव ने पहले प्रयास में ही यह सफलता अर्जित की है।

देशभक्ति की फिल्में देखकर बनाया सेना में जाने का मन।

देव व्यास ने ourliveindia.com से चर्चा करते हुए बताया कि वह बचपन में देशभक्ति से जुड़ी फिल्में देखा करता था। उन्हें देखकर उसके मन में खयाल आया कि उसे भी सैन्य अधिकारी बनकर देश की सेवा करनी चाहिए। इसपर उसने सेना में जाने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है..? किसतरह आवेदन किया जाता है..? इसकी जानकारी इंटरनेट पर खंगाली। पात्रता और प्रवेश परीक्षा संबंधी जानकारी हासिल करने के बाद यह बात पिता रेवाशंकर व्यास को बताई। पिताजी ने भी पूरा सपोर्ट किया और 12 वी की परीक्षा के साथ के साथ ही एनडीए की तैयारी भी शुरू कर दी।

मां ट्यूटोरियल्स से मिला गाइडेंस।

देव व्यास ने बताया कि एनडीए में जाने के लिए यूपीएससी द्वारा ली जाने वाली लिखित परीक्षा और एसएसबी की चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसकी तैयारी के लिए उसने मां ट्यूटोरियल्स ज्वाइन किया। वहां पंकज भट्ट सर और रिटायर्ड कर्नल एनके माथुर सर ने लिखित परीक्षा व एसएसबी की चयन प्रक्रिया की जानकारी देने के साथ उसकी तैयारी करवाई। देव ने बताया कि कोचिंग के साथ वह घर पर भी इंटरनेट से पाठ्य सामग्री जुटाकर परीक्षा की तैयारी करता था। इस दौरान कोई परेशानियां आती थी तो वह कोचिंग क्लास में कर्नल माथुर से मिलकर उनका समाधान कर लेता था।

एन डी ए के साथ 12 वी की भी तैयारी की।

एनडीए की प्रवेश परीक्षा के साथ 12 वी की परीक्षा की तैयारी भी देव ने जारी रखी क्योंकि एनडीए ज्वाइन करने से पहले 12 पास आउट होना भी जरूरी था।
आखिर लक्ष्य के प्रति समर्पण और कड़ी मेहनत रंग लाई। देव व्यास ने पहले ही प्रयास में लिखित परीक्षा, एसएसबी इंटरव्यू प्रक्रिया और मेडिकल फिटनेस के पड़ावों को पार करते हुए एनडीए में जाने का सपना पूरा कर लिया। उसे मेरिट के आधार पर देशभर से चयनित प्रतिभागियों में 185 वी रैंक मिली। यही नहीं 12 वी में भी उसने 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए।

देव को सही मार्गदर्शन मिलना बड़ी चुनौती थी।

देव के पिता रेवाशंकर व्यास ने बताया कि जब देव ने उनके समक्ष एनडीए में जाने की इच्छा जाहिर की तो वे हैरत में पड़ गए थे। क्योंकि परिवार और नजदीकी रिश्तेदारी में कोई भी आर्मी में नहीं था। इसके अलावा एनडीए की तैयारी के लिए सही मार्गदर्शन मिलना बड़ी चुनौती थी पर बेटे की इच्छा को सम्मान देते हुए उन्होंने खोज की तो मां ट्यूटोरियल्स के बारे में पता चला। वहां जाकर निदेशक पंकज भट्ट और रिटायर्ड कर्नल एनके माथुर से मुलाकात की और पूरी जानकारी हासिल की। बाद में देव को वहां दाखिल करवाया। अपनी ओर से भी उसको प्रेरित करता रहा। बेहद खुशी है कि आज देव एनडीए का हिस्सा बनने जा रहा है।

बेटे के जुनून का आगे हार माननी पड़ी।

देव की मां वैशाली व्यास बरसों से इलेक्ट्रोनिक मीडिया से जुड़ी हैं। शहर की वरिष्ठ एंकर, स्क्रिप्ट राइटर और वीडियो एडिटर के बतौर उनका अपना मुकाम है। वैशाली से जब पूछा गया कि बेटे देव ने जब रक्षा सेवा में जाने की इच्छा उनके समक्ष जाहिर की तो उनकी प्रतिक्रिया क्या थी..? इस पर वैशाली का कहना था कि कोई भी मां अपने बेटे की जिंदगी खतरे में नहीं डालना चाहती है। उन्होंने ने भी प्रयास किया था की देव किसी अन्य फील्ड में अपना करियर बना लें पर उसने पक्का इरादा कर लिया था कि उसे एनडीए में प्रवेश लेकर सैन्य अधिकारी बनना है। आखिर उसके जज्बे और जुनून के आगे मुझे हार माननी पड़ी। हालांकि अब जब वह एनडीए ज्वाइन करने जा रहा है तो बेहद गर्व भी महसूस हो रहा है।

बता दें कि देव, व्यास दंपत्ति का छोटा बेटा है। उनका बड़ा बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।

बहरहाल, देव व्यास ने उस छोटी सी उम्र में देशसेवा का सपना संजोकर उसे कड़ी मेहनत से हासिल किया, जिस उम्र में युवा मौज मस्ती में अपना समय व्यतीत करते नजर आते हैं। देव का लाखों प्रतिभागियों में से एनडीए के लिए चुना जाना सिर्फ उसके माता – पिता के लिए ही नहीं वरन इंदौर शहर और मीडिया जगत के लिए भी गर्व पल है।

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