इंदौर : 02 साल के बच्चे का अपहरण कर 02 लाख रुपए फिरौती मांगने के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। बालक को अपने साथ रखने की चाहत में उसकी बहनों एवं परिजनों ने ही, बालक के किडनेपिंग की झूठी कहानी गढ़ी थी।
पुलिस थाना कनाडिया इंदौर पर दिनांक 03.09.2024 को ममता चौहान पति सूरज राठौर फ्लेट नं. 301, एफ ब्लाक अरावली परिसर भूरी टेकरी इंदौर ने अपनी बहन संजना चौहान के माथ थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मेरी मां का 03 माह पूर्व देहान्त हो गया था तभी से मेरा छोटा भाई शिवराज सिंह चौहान उम्र 02 साल मेरे साथ रहता था। दिनांक 02.09.2024 के रात 08 बजे की बात है मैं घर पर काम कर रही थी व मेरा छोटा भाई शिवराज चौहान फ्लेट के सामने खेल रहा था। मैंने करीबन रात 08.30 बजे देखा कि मेरा छोटा भाई शिवराज चौहान फ्लेट के बाहर नहीं था तो मैने आस पास के एवं मल्टी में पता किया पर वह कही नही मिला। मै, मेरी बहन मंजना व मेरे पति सूरज राठौर मेरे भाई शिवराज को ढूंढते रहे। और बताया कि एक व्यक्ति ने हमे फोन किया की आपका भाई शिवराज सिंह हमारे कब्जे में है। उसके एवज में 02 लाख रुपये जल्दी भिजवा दो, यदि रुपये नहीं मिले तो उसका काम तमाम कर देंगे।
फरियादी महिला की सूचना पर तत्काल थाना प्रभारी कनाडिया, उनकी टीम व एसीपी खजराना घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने आस पास के सीसीटीव्ही फूटेज देखे और साइबर एक्सपर्ट की मदद ली। संपूर्ण घटनाक्रम की जांच पड़ताल में फरियादी पक्ष ही शंका के घेरे में आने से सभी को थाने बुलाकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई, गहन पूछताछ में सामने आया कि एफ आई आर कर्ता ममता चौहान की मां रुखमा चौहान जिंदा है। जिस बालक के किडनेपिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई गई उसे बालक की मां रुखमा चौहान राखी के त्यौहार के समय स्वयं अपने साथ गुजरात लेकर गई है। उक्त बालक को इंदौर बुलवाने के लिये शिकायत कर्ताओं द्वारा थाने पर आकर किडनेपिंग की झूठी कहानी बताई गई। संपूर्ण जांच पड़ताल करने पर खुलासा हुआ कि शिवराज सिहं चौहान (उम्र 02 वर्ष) नामक बालक को किसी के द्वारा किडनेप नहीं किया गया है। उक्त बालक को अपने साथ रखने की चाहत में उसकी बहनों एवं परिजनों ने बालक के किडनेपिंग की झूठी कहानी गढ़ी थी।