आगामी 17 मार्च तक आमंत्रित किए गए सुझाव।
जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में प्रस्तावित नई गाइडलाइन पर किया गया मंथन।
इंदौर : इंदौर जिले में अचल संपत्तियों के दस्तावेजों के पंजीयन की गाइड लाइन के निर्धारण के लिए कलेक्टर मनीष सिंह और विधायक महेन्द्र हार्डिया की उपस्थिति में जिला मूल्यांकन समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में गाइड लाइन वर्ष 2021-22 के संबंध में विचार-विमर्श कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। बैठक में प्रस्तावित गाइड लाइन वर्ष 2021-22 में मुख्यत: इंदौर शहर की परिधि से लगे हुए उभरते क्षेत्र/ग्राम एवं मुख्य मार्गों पर भविष्य की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुये औसत 18.21 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। जिससे आगामी वित्तीय वर्ष में शासकीय राजस्व आय की अधिकाधिक प्राप्ति संभव हो सकें। प्रस्तावित गाइड लाइन पर आगामी 17 मार्च की शाम साढ़े 5 बजे तक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
प्रस्तावित गाइड लाइन जिले के सभी जिला पंजीयक और उप पंजीयक कार्यालयों में देखी जा सकती है। बैठक में अपर कलेक्टर पवन जैन तथा वरिष्ठ जिला पंजीयक वी.के. मोरे भी मौजूद थे। बैठक में गाइड लाइन के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। कलेक्टर मनीष सिंह ने निेर्देश दिए कि गाइड लाइन को व्यापक विश्लेषण के बाद अंतिम रूप दिया जाए। यह ध्यान रखा जाए कि गाइड लाइन से राजस्व की वृद्धि तो हो, साथ ही नागरिकों को भी किसी तरह की परेशानी नहीं हो। उन्होंने बताया कि सुझावों के पश्चात अगली बैठक में गाइड लाइन के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। विधायक महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि सुझाव आने के पश्चात शीघ्र बैठक कर गाइड लाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके पहले और विस्तृत अध्ययन कर लिया जाए। अगर कोई कमीं दिखाई दे, तो उसे दूर कर लें। बैठक में बताया गया कि जिले में 365 नवीन कॉलोनियों तथा लोकेशनों का नाम गाइड लाइन 2021-22 में जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है। इसमें इंदौर क्षेत्र की 185, महू की 28, सांवेर की 139 तथा देपालपुर क्षेत्र की 13 कॉलोनियों/ लोकेशनों को जोड़ा जाना प्रस्तावित किया गया है।
पंजीयन एव मुद्रांक विभाग राज्य शासन की आय का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। दस्तावेज के पंजीयन से प्राप्त होने वाली आय में अचल सम्पत्ति हेतु तैयार की जाने वाली गाइडलाइन दरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मध्यप्रदेश में गाइड लाइन तैयार करने हेतु त्रिस्तरीय व्यवस्था है। तहसील स्तर पर उप जिला मूल्यांकन समिति, जिला स्तर पर जिला मूल्यांकन समिति एवं राज्य स्तर पर केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड मध्यप्रदेश भोपाल है। राजस्व की दृष्टि से इन्दौर जिला एक अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। मध्यप्रदेश के राजस्व का लगभग 22 प्रतिशत से अधिक राजस्व इन्दौर जिले से प्राप्त होता है। प्रशासन के अनुसार नई दरों को आमजन की सुविधा के साथ-साथ इन्दौर शहर में हो रहे विकास को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तावित किया गया है। बैठक में पंजीयन विभाग के अधिकारियों सहित इंदौर विकास प्राधिकरण, मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल, नगर एवं ग्राम निवेश सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।