महापौर को 22 हजार तो निगम अध्यक्ष को मिलेंगे 18 हजार।
पार्षदों (पदेन छोड़ कर) को प्रतिमाह 12 हजार रुपए पारिश्रमिक मिलेगा।
भोपाल : सरकार ने महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के पारिश्रमिक के साथ भत्तों में बढ़ोतरी की है। लंबे समय से नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि यह मांग कर रहे थे। अब एक मई से महापौर को प्रतिमाह 22 हजार रुपए पारिश्रमिक के साथ 5 हजार रुपए सत्कार भत्ता मिलेगा। निगम परिषद अध्यक्ष को प्रतिमाह 18 हजार रुपए पारिश्रमिक और 2 हजार 800 रूपये सत्कार भत्ता निर्धारित किया गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के वेतन-भत्तों को दोगुना करने की घोषणा की थी।
जारी आदेश में बताया गया है कि पार्षदों (पदेन को छोड़ कर) को प्रतिमाह 12 हजार रुपए पारिश्रमिक मिलेगा। निगम की बैठकों के लिए महापौर, अध्यक्ष, पार्षद और संबंधित वार्ड समिति की बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों को 450 रुपए प्रति बैठक की दर से दैनिक भत्ता दिया जाएगा। लेकिन इसकी सीमा भी अधिकतम 1 हजार 800 रुपए प्रतिमाह तय की है।
नगर पालिका अध्यक्ष को मिलेंगे 6 हजार रुपए ।
नगर निगम के अलावा नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों को भी सरकार ने खुश किया है। अब नगर पालिका अध्यक्ष को प्रतिमाह 6 हजार रुपए पारिश्रमिक के साथ 3 हजार 600 रुपए सत्कार भत्ता दिया जाएगा। उधर, उपाध्यक्ष को 4 हजार 800 रुपए पारिश्रमिक और 1 हजार 600 रुपए सत्कार भत्ता मिलेगा। नगर पालिका के पार्षदों (पदेन को छोड़ कर) को हर महीने 3 हजार 600 रुपए पारिश्रमिक मिलेगा। नगर निगम की तर्ज पर नगर पालिका समितियों में भाग लेने के लिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद और समिति सदस्यों को 390 रुपए प्रति बैठक की दर से दैनिक भत्ता भी मिलेगा। यह 750 रुपए प्रतिमाह से अधिक नहीं होगा।
नगर परिषदों के जनप्रतिनिधियों का रखा ध्यान।
प्रदेश में सर्वाधिक शहरी क्षेत्र में कार्य करने वाली नगर परिषदों का भी सरकार ने ध्यान रखा है। आगामी 1 मई से नगर परिषद के अध्यक्ष को प्रतिमाह 4 हजार 800 रुपए पारिश्रमिक के साथ 2 हजार 200 रुपए सत्कार भत्ता दिया जाएगा। उपाध्यक्ष को 4 हजार 200 रुपए पारिश्रमिक और 1 हजार 600 रुपए सत्कार भत्ता देने संबंधित आदेश जारी किए गए हैं। नगर परिषद के पार्षदों को प्रतिमाह 2 हजार 800 रुपए पारिश्रमिक दिया जाएगा। नगर परिषद समितियों की बैठक में भाग लेने के लिए जनप्रतिनिधियों समेत समिति सदस्य को 240 रुपए प्रति बैठक की दर से दैनिक भत्ता दिया जाएगा। जो 720 रुपए प्रतिमाह से अधिक नहीं होगा।