नगर नियोजन और विकास की पुनर्कल्पना पर शनिवार को होगा सम्मेलन

  
Last Updated:  January 20, 2023 " 08:14 pm"

आयोजक संस्था के वेस्ट जोन से संबद्ध सौ से अधिक नगर नियोजक करेंगे शिरकत।

नगरीय नियोजन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर होगा मंथन।

इंदौर : भारत की नगर नियोजक संस्था, नई दिल्ली के मध्य प्रदेश क्षेत्रीय चेप्टर द्वारा 21 जनवरी 2023 को इंदौर के रेडिसन ब्लू होटल में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है| “नगर नियोजन एवं विकास की पुनर्कल्पना” विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में देश के वेस्ट जोन से सौ से अधिक नगर व ग्रामीण नियोजक भाग लेंगे। आयोजक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डी एस मेश्राम और महासचिव प्रदीप कपूर ने यह जानकारी दी। मप्र शासन के उपसचिव डॉ. शुभाशीष बनर्जी और आयोजक संस्था नगर नियोजक की क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मप्र, दीप्ति व्यास भी इस दौरान मौजूद रहीं।

डॉ. मेश्राम और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन के उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन होगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव इस दौरान विशेष अतिथि के बतौर मौजूद रहेंगे।

सम्मेलन में होंगे दो तकनीकि सत्र।

डॉ. मेश्राम और प्रदीप कपूर ने बताया कि 21 जनवरी को सुबह 9 से शाम 6 बजे तक आयोजित इस सम्मेलन में दो तकनीकि सत्र होंगे। पहले सत्र में प्रो. चेतन वैद्य ‘नगरीय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन प्रमुखधारा’ विषय पर अपने विचार रखेंगे। इसके बाद ‘नगर नियोजन एवम विकास प्रक्रिया की पुनर्कल्पना’ विषय पर प्रो. निखिल रंजन मंडल और ‘शहरों को कार्बन रहित करना, एक नगर नियोजन चुनौती’ विषय पर डॉ. मनमोहन कापसे का व्याख्यान होगा।

सम्मेलन के दूसरे तकनीकि सत्र में ‘ क्या महानगरीय नियोजन अगली चुनौती है..?’ विषय पर नितिका कृष्णन का उद्बोधन होगा। इसके बाद ‘विकास योजना की वित्त व्यवस्था, समस्या व समाधान’ पर डॉ. रवि जोशी और ‘गत शताब्दी से इंदौर शहर के विकास की दिशा में नगर नियोजन’ पर एस के मुद्गल अपने विचार रखेंगे।

डॉ. मेश्राम ने बताया कि सम्मेलन का समापन सांसद शंकर लालवानी और आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा के आतिथ्य में होगा।

उपाध्यक्ष दीप्ति व्यास ने बताया कि इस मौके पर नगर नियोजक संस्था के मप्र रीजनल चैप्टर के अधीन इंदौर क्षेत्रीय केंद्र का औपचारिक शुभारंभ भी होगा।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के आयोजन में नगर एवम ग्राम निवेश संचालनालय, राज्य नगर नियोजन संस्थान, आईडीए, इंदौर नगर निगम, हाउसिंग बोर्ड, क्रेडाई, वैष्णव विद्यापीठ और सेज यूनिवर्सिटी भी सहयोगी भूमिका में हैं।

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