इंदौर : नर्सेस एसोसिएशन मप्र के आह्वान पर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में कार्यरत स्टाफ नर्स अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 5 दिनों से आंदोलन की राह अपनाए हुए हैं। इंदौर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध एमवायएच, कैंसर, चाचा नेहरू, सुपर स्पेशलिटी, एमआरटीबी और एमटीएच अस्पतालों का नर्सिंग स्टाफ भी अलग- अलग तरीकों से प्रदर्शन कर अपनी मांगों की ओर शासन का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
रविवार को नर्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश और जिला पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता के जरिए अपनी मांगों से मीडिया को अवगत कराया। उनका कहना था कि वे 5 दिनों से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं पर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। अगर सरकार की बेरुखी जारी रही तो उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ेगा, इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
एक माह पूर्व ही शासन को करा चुके हैं अवगत।
नर्सेस एसोसिएशन के प्रदेश व जिला पदाधिकारी रेखा महाडिक, धर्मेंद्र पाठक, अंकिता शुक्ला,राहुल जादौन व सिमोना बारीक ने इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में अपनी बात रखते हुए कहा की 9 जून से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर वे विविध तरीकों से शासन का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके पूर्व 12 मई को वे मंत्री तुलसी सिलावट, उषा ठाकुर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, स्वास्थ्य आयुक्त व प्रमुख सचिव सहित सभी फोरम पर अपनी मांगों को रख चुके हैं पर उन्हें आजतक कोई सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिला है।
मांगे नहीं मानी तो करेंगे अनिश्चित कालीन हड़ताल।
नर्सेस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर अभी तक काली पट्टी बांधकर, पीपीई किट पहनकर व मानव श्रृंखला बनाकर अपना आक्रोश प्रकट कर चुका है। वे 14 जून को सांकेतिक धरना देंगे और 15 जून को 2 घंटे कामबंद हड़ताल करेंगे। इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के लिए विवश हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर में करीब 1 हजार व पूरे प्रदेश में 8 हजार के करीब नर्से हड़ताल पर चली गईं तो स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएंगी। मरीजों के हितों को देखते हुए हमने अभी तक ये कदम नहीं उठाया है।
ये हैं 10 सूत्रीय मांगें।
1, ग्रेड 2 का उच्चस्तरीय वेतनमान अन्य राज्यों की तरह मप्र के नर्सेस को भी दिया जाए।
2, नई पेंशन योजना विसंगति पूर्ण होने से पुरानी पेंशन योजना ही लागू की जाए।
3, कोरोना काल में ड्यूटी करते हुए शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति देने के साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए।
4, कोरोना काल में शासन स्तर पर जितनी भी घोषणाएं की गई उनपर अमल नहीं किया गया। हमारी मांग है कि नर्सिंग स्टाफ को अग्रिम दो वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए।
5, 2018 के आदर्श भर्ती नियमों में बदलाव करते हुए 70, 80 व 90 फ़ीसदी का नियम हटाया जाए। प्रतिनियुक्ति खत्म कर तबादला नीति लागू की जाए।
6, शासकीय अस्पतालों में सेवारत रहते नर्सों को उच्च शिक्षा के लिए आयु सीमा का बंधन हटाया जाए। भर्ती में मेल नर्सों को भी समान अवसर दिया जाए।
7, कोरोना काल में भर्ती की गई नर्सों को नियमित किया जाए।
8, प्रदेश में कार्यरत नर्सों को एक ही विभाग में समान कार्य- समान वेतन का लाभ दिया जाए।
9, नर्सों को पदोन्नति देते हुए नर्सिंग व सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदस्थ किया जाए।
10, मेल नर्सों की भर्ती पुनः प्रारम्भ की जाए। उनके साथ भेदभाव न हो।