इंदौर : भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने निगम प्रशासक द्वारा शहर की जनता के हितों की चिंता किये बगैर निगम परिषद की बैठक में पारित विकास के 200 से अधिक प्रस्तावों को निरस्त करने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे चुने गए जनप्रतिनिधियों और शहर की जनता का घोर अपमान निरूपित किया है। निरस्त किए गए ये प्रस्ताव भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के पार्षदों ने जन इच्छा एवं जनता की मांग पर पारित करवाए थे।
गोपी नेमा ने कहा कि विकास के किसी भी काम का परिषद में प्रस्ताव विभागीय अधिकारी एवं निगम आयुक्त द्वारा स्वीकृत, हस्ताक्षरित होकर ही चर्चा हेतु प्रस्तुत होता है। चर्चा के बाद वह स्वीकृत या अस्वीकृत होता है।
नेमा ने कहा कि इन 200 प्रस्ताव का कोई परीक्षण, गुण- दोष को आधार नहीं बनाते हुए सीधे निरस्त करना प्रशासक की तानाशाही या हठधर्मिता को दर्शाता है। इन प्रस्तावों से प्रभावित होने वाले वार्डों के नागरिकगण प्रस्ताव निरस्त होने पर पुनः छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
निगम परिषद में पारित प्रस्ताव निरस्त करना प्रशासक की मनमानी- नेमा
Last Updated: February 23, 2020 " 08:09 am"
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