इंदौर : कोरोना से लड़ाई में प्राइवेट हॉस्पिटल्स की मनमानी पर लगाम कसने की तैयारी कर ली गई है। अब कोरोना की जांच रिपोर्ट मरीज को मोबाइल पर भी मिलेगी। साथ ही नेगेटिव और पॉजीटिव आए हुए सभी मरीजों के नाम भी सार्वजनिक किए जाएंगे। साथ ही निजी अस्पतालों में हर सुविधा के शुल्क तय कर दिए जाएंगे ताकि ज्यादा बिलिंग पर लगाम लगाई जा सकें।
सांसद शंकर लालवानी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राइवेट अपतालों की कई शिकायतें आ रही थीं जहां मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी नहीं आने का बहाना कर बेवजह मरीजों को भर्ती रखकर मनमानी बिल वसूली की जा रही थी। इसी पर नियंत्रण के लिए ये कदम उठाया गया है। अब मरीज को अपने मोबाइल पर ही नेगेटिव या पॉजीटिव की रिपोर्ट मिल जाएगी जिससे रिपोर्ट के इंतजार के नाम पर मरीजों को अस्पताल में नहीं रहना पड़ेगा।
निजी अस्पतालों में उपचार की दरें तय।
सांसद ने कहा कि निजी अस्पतालों की ज्यादा बिलिंग की शिकायत लगातार आ रही थी इसके चलते आईसीयू चार्ज, बेड चार्ज आदि की दरें तय कर एक गाइड लाइन बनाई गई है, जिसे राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है। इसके बाद कोई भी निजी अस्पताल तय दरों से ज्यादा शुल्क नहीं ले पाएगा।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि ये भीषण आपदा का समय है और हम सब मिलकर ही इस आपदा को हरा पाएंगे। इसलिए हमने प्राइवेट अस्पतालों से भी समय-समय पर बात की है, उनकी भी समस्याओं को सुलझाया है और जरुरत पड़ने पर बेहद सख्त कार्रवाई की है।
बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, आईजी विवेक शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा, मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ ज्योति बिंदल, सीएमएचओ डॉ प्रवीण जडिया और निगमायुक्त प्रतिभा पाल समेत कई अधिकारी मौजूद थे।