निराशाजनक रहा महापौर का प्रथम तीन माह का कार्यकाल, एक भी वादा पूरा नहीं किया

  
Last Updated:  November 9, 2022 " 08:58 pm"

सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार का बोलबाला।

जिम्मेदार अधिकारियों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई।

नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने महापौर के दावों को बताया झूठा।

इंदौर : तीन दिन पूर्व महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रेसवार्ता के जरिए अपने तीन माह के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई थीं। उन्होंने दावा किया था कि तीन माह की कार्ययोजना के तहत जो काम हाथ में लिए गए थे, वो 85 फीसदी तक पूरे किया जा चुके हैं। इसके जवाब में नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने बुधवार 9 नवंबर को प्रेस वार्ता आयोजित कर महापौर के दावों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि महापौर भार्गव और उनकी परिषद का पहले तीन माह का कार्यकाल पूरी तरह विफल साबित हुआ है। ये तीन माह शहर की बदहाली और बरबादी के रहे। महापौर की कार्ययोजना केवल कागजों में सिमटी रही। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। किसी निगम अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जो काम गिनाए गए वो पूरे हुए ही नहीं। 72 घंटे में नक्शे पास करने, वार्डों में एलईडी लाइट्स लगाने, बगीचों का जीर्णोद्धार जैसे वादे हवा हो गए। कुल मिलाकर महापौर की प्रथम तीन माह के कार्यकाल की उपलब्धियां शून्य रहीं। प्रेस वार्ता में शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और कांग्रेस पार्षदगण भी मौजूद रहे।

स्मार्ट सिटी सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार।

नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्यों में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।एमजी रोड के बड़ा गणपति से कृष्णपुरा पुल तक के हिस्से में बनाई गई सड़क घटिया निर्माण का सबसे बड़ा नमूना है। इस सड़क में भ्रष्टाचार उजागर होने के बावजूद संबंधित निगम अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

निगम के पैसे का दुरुपयोग।

चिंटू चौकसे ने कहा इस वर्ष अच्छी बारिश होने के बावजूद विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 और 3 में पानी के टैंकर चलाए जा रहे हैं। इन टैंकरों पर नगर निगम के प्रतिमाह 23 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। इन टैंकरों का इस्तेमाल क्षेत्र के बीजेपी विधायक अपने प्रचार – प्रसार के लिए कर रहे हैं। यह सीधे जनता के पैसे का दुरुपयोग है।

सड़कों में पेचवर्क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा।

चौकसे और बाकलीवाल ने कहा कि महापौर पुष्यमित्र के बीते तीन माह के कार्यकाल में सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। पेचवर्क पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद समस्या जस की तस बनीं हुई है। इमली बाजार की फोर लेन सड़क का काम भी कछुए की गति से चल रहा है, जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

पैसे दो तो 72 घंटे में नक्शा मंजूर होता है।

नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने 72 घंटे में नक्शा पास करने के महापौर के दावे को झूठा करार दिया। उनका कहना था कि पैसे देकर नक्शे मंजूर कराए जा रहे हैं। जो पैसा नहीं देते, उनके नक्शे पास करने में जानबूझकर रोड़े अटकाए जाते हैं।

एलईडी लाइट्स लगाने का वादा पूरा नहीं किया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महापौर भार्गव ने तीन माह में 20 हजार एलईडी लाइट्स लगाने का वादा किया था पर ये वादा भी पूरा नहीं कर पाए। तीन माह में शहर में 7 हजार एलईडी लाइट्स भी नहीं लग पाई है।

एक भी हॉकर्स जोन नहीं बना।

चिंटू चौकसे ने आरोप लगाया कि महापौर का पथ विक्रेताओं के लिए हॉकर्स जोन बनाने का वादा भी खोखला साबित हुआ। जिंसी में जो शेड लगाया था, वो भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

विज्ञापन बोर्ड पर शुल्क, व्यापारियों के साथ अन्याय।

चिंटू चौकसे ने कहा कि ऐन दीपावली के मौके व्यापारियों को विज्ञापन बोर्ड का शुल्क देने के नोटिस भेजकर उन्हें परेशान किया गया। यह सरासर अन्याय है।

टंकियों से नहीं हो रहा जलप्रदाय।

चौकसे ने कहा कि टंकियों का निर्माण पूरा होने और सप्लाई लाइन बिछाने के पहले ही मुख्यमंत्री से उद्घाटन तो करवा लिया गया पर काम आज भी अधूरा है। लोगों को आज भी उनके घरों में नल और नलों में जल का इंतजार है।

यातायात की बदहाल स्थिति।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि महापौर व उनकी परिषद ने तीन माह में शहर के यातायात को व्यवस्थित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए। 56 दुकान पर पार्किंग की सुविधा नहीं होने से यातायात लगातार अवरुद्ध होता है। शहर के मध्य क्षेत्र में भी पार्किंग का इंतजाम नहीं होने से हालात बदतर हैं। अब महापौर द्वारा इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की बात कही जा रही है जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के समय ही यह सिस्टम मंजूर हो गया था। इसपर अबतक काम शुरू क्यों नहीं हुआ, इसका जवाब महापौर को देना चाहिए।

29 गांव भगवान भरोसे।

चिंटू चौकसे ने कहा कि नगर निगम सीमा में शामिल 29 गांवों की महापौर सुध नहीं ले रहे हैं। वहां बुनियादी सुविधाओं से लोग वंचित हैं। गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नगर निगम की ओर से बीते तीन माह में उनकी समस्याओं को दूर करने के कोई उपाय नहीं किए गए हैं।

चिंटू चौकसे ने कहा कि कुल मिलाकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और उनकी परिषद का पहले तीन माह का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। वे और कांग्रेस पार्षद दल इस हकीकत से जनता को अवगत कराएंगे और महापौर के दावों की पोल खोलेंगे।

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