दृष्टिहीन बच्चों(बालिकाओं) व बुजुर्गों के साथ खेली अताक्षरी।
राखी बंधवाकर खिलाई मिठाई, भेंट किए उपहार।
इंदौर : कहते हैं बुजुर्गों का आशीर्वाद और बच्चों की दुआएं कभी खाली नहीं जाती, शायद यही कारण है कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय त्योहारों की खुशियां उन बुजुर्गों और बच्चों के साथ बांटना पसंद करते हैं जो या तो अपनों के ठुकराए हुए हैं या कुदरत की नाइंसाफी के शिकार हैं। राजनीति में ऐसे कम ही लोग हैं जो समाज सेवा को अपना लक्ष्य मानते हैं।कैलाश विजयवर्गीय बीते चार दशकों से रक्षाबंधन और दिवाली जैसे महापर्वों की खुशियां निराश्रित बुजुर्गो और दिव्यांग बच्चों के साथ बांटते आ रहे हैं। वे कहीं भी रहें पर इन पर्वों को बुजुर्गों व दिव्यांग बच्चों के साथ मनाना नहीं भूलते।
आस्था वृद्धाश्रम में मनाया खुशियों का रक्षाबंधन।
मंगलवार को कैलाश विजयवर्गीय आस्था वृद्धाश्रम पहुंचे। यहां एमआईसी सदस्य राजेश राठौर ने पांडाल सजाने के साथ बुजुर्गों और दिव्यांग बच्चों के बीच रक्षाबंधन मनाने की व्यापक तैयारियां कर रखी थीं। आश्रम की बुजुर्ग महिलाएं व पुरुषों के अलावा दृष्टिहीन कल्याण संघ की रोशनी से महरूम बालिकाएं और मंदबुद्धि बच्चे भी यहां मौजूद थे। जैसे ही कैलाश विजयवर्गीय यहां पहुंचे, माहौल में उत्साह और उल्लास छा गया। उनके साथ विधायक रमेश मेंदोला, निगम सभापति मुन्नालाल यादव, हरिनारायण यादव सहित अन्य नेतागण भी थे। कुछ देर बाद मंत्री तुलसी सिलावट भी कार्यक्रम में पहुंचे।
अंताक्षरी में बच्चों, बुजुर्गों ने खूब जमाया रंग।
कैलाश विजयवर्गीय संगीत के बेहद शौकीन हैं। उनके आते ही हर बार की तरह बच्चों के साथ अंताक्षरी की महफिल जम गई। अपने गम, दुःख – दर्द और तकलीफें भूलकर तमाम बुजुर्ग और दिव्यांग बच्चे अंताक्षरी में ऐसे रमें की माहौल उमंग और उल्लास से भर उठा। खासकर दिव्यांग बच्चों ने इस तैयारी और शिद्दत के साथ गीत पेश किए की कैलाश विजयवर्गीय भी अचंभित रह गए। देर तक चले इस मुकाबले में जाहिर है जीत बच्चों की ही होना थी। राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी कैलाश विजयवर्गीय ने भी माना की इन बच्चों से हारकर जो सुकून मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
विजयवर्गीय के भजनों पर झूमा पूरा पांडाल।
अंताक्षरी के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने अपने चिर परिचित अंदाज में भजन और देशभक्ति गीत पेश कर समां बांध दिया। बच्चों के साथ बुजुर्ग और पांडाल में मौजूद अन्य लोग भी इन गीतों पर झूम उठे। मेंदोला और मंत्री सिलावट भी झूमते नजर आए। यहां विशेष तौर पर पधारे के फॉर किशोर चिंतन बाकीवाला ने भी इस मौके पर सुरीले नगमें पेश किए।
राखी बंधवाकर भेंट किए उपहार।
बाद में कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक रमेश मेंदोला ने आश्रम की बुजुर्ग बहनों, दृष्टिहीन बालिकाओं और मंदबुद्धि बच्चों से राखी बंधवाई, उन्हें मिठाई खिलाकर रक्षाबंधन की बधाई दी और उपहार भेंट किए। अंत में कार्यक्रम स्थल पहुंचे महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी दिव्यांग बहनों से राखी बंधवाई और उन्हें शुभकामनाएं दी।
लगभग तीन घंटे तक चले इस कार्यक्रम में वृद्धाश्रम के बुजुर्गों और कुदरत की नाइंसाफी के शिकार बच्चों को वो हर खुशी देने का प्रयास किया गया जिससे वे वंचित रहते हैं। मानवीय संवेदनाओं से भरे इस कार्यक्रम के लिए कैलाश विजयवर्गीय और उनकी टीम वाकई बधाई की हकदार है।