निर्धारित दरों के अनुसार ही शुल्क वसूलें निजी अस्पताल, कलेक्टर ने दी हिदायत

  
Last Updated:  April 17, 2021 " 03:00 pm"

इंदौर : शहर के नागरिकों, मीडिया एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए फीडबैक और सुझावों के आधार पर कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले के समस्त निजी अस्पतालों के संचालक और प्रशासकों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा की कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ाई में निजी अस्पतालों एवं संबंधित मेडिकल स्टाफ द्वारा अनुकरणीय सहयोग प्रदान किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए जरुरी है कि सभी निजी अस्पताल सुव्यवस्थित एवं निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार इलाज प्रदान करते हुए इस महामारी के रोकथाम मे शासन प्रशासन का सहयोग करें।
कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी निजी अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे रेमडेसिविर इंजेक्शन का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करें। रेमडेसिविर इंजेक्शन गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को तत्काल लगाया जाए, इसमें किसी भी तरह का विलंब नहीं किया जाए। मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन निर्धारित दरों पर ही दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों के संचालक यह सुनिश्चित करें की अस्पताल में पदस्थ अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन अनुचित शुल्क पर ना विक्रय किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करते पाए जाने पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा की समस्त निजी चिकित्सालय प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई दरों एवं प्रोटोकॉल के आधार पर ही कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करेंगे। उन्होंने कहा की इस बात का स्पष्ट रूप से ध्यान दिया जाए कि मरीजों से मनमाने पैसे ना वसूले जाए। उद्धरण के रूप मे अगर सामान्य स्थिति में वे मरीज को बेड रिज़र्व करने का एक हजार रुपए शुल्क लेते थे तो वर्तमान स्थिति में यह शुल्क एक हज़ार 400 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संकट की स्थिति में वे मरीजों से उपचार हेतु उचित शुल्क ही लें। यह व्यवसाय का नहीं बल्कि मानव जाति की सहायता करने का समय है।
कलेक्टर ने निजी अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे संक्रमित मरीजों एवं उनके परिवारजनों को सभी जरुरी सुविधाएं प्रदान करें। समय-समय पर परिवारजनों को मरीज की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूर्ण जानकारी भी दें। उन्होंने कहा कि अस्पताल मे ऑक्सीजन का अनावश्यक लीकेज या वेस्टेज ना हो इस पर विशेष तौर से ध्यान दिया जाए। चिकित्सक द्वारा प्रिसक्राइब्ड ऑक्सीजन लिमिट के अनुसार ही मरीज को ऑक्सीजन दिया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि उक्त निर्देशों के अनुपालन में किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए ऐसा पाए जाने पर संबंधित अस्पताल एवं संचालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना मुक्त इंदौर का निर्माण करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर इस महामारी का सामना करना है। इसके लिए जरूरी है कि सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाएं एवं जिले के प्रभावी व्यक्तियों द्वारा जन जागरण कर लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने एवं पात्र नागरिकों को कोविड वैक्सीनेशन करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

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