निवेश के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले दो ठगोरों को खिलाई हवालात की हवा

  
Last Updated:  October 27, 2021 " 02:57 pm"

इंदौर : फ़र्ज़ी एडवाइजरी कंपनियों पर प्रशासन का शिकंजा कस गया है। वृद्ध और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के साथ इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के साथ उनकी गिरफ्तारी की गई है।

ठगाए लोगों ने कलेक्टर से की थी शिकायत।

बता दें कि बीते दिनों इंदौर के टेलीफोन नगर निवासी 66 वर्षीय वृद्ध एवं सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी ने कलेक्टर मनीष सिंह को दी गई लिखित शिकायत में बताया था कि इंदौर में स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी चला रहे अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकार पंकज पांचाल एवं शुभम भावसार द्वारा उनके साथ स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर कूट रचित तरीके से लगभग 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम अंशुल खरे द्वारा उक्त प्रकरण की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि पंकज पांचाल एवं शुभम भावसार निवेश के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे हैं।दोनों आरोपी सेबी(SEBI) में रजिस्टर्ड नहीं है ना ही उनके द्वारा सेबी(SEBI) द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों का पालन किया जा रहा है। दोनों आरोपियों ने पीड़ित के साथ जालसाजी करके उनके सेवानिवृत्ति पर प्राप्त धन को दुगुना करने का झांसा देकर धोखाधड़ी की। पीड़ित का डीमेट अकाउंट खुलवा कर खुद ही उसे ऑपरेट किया जो नियमों के विरुद्ध है। सेबी(SEBI) की पकड़ से बचने के लिए आरोपियों द्वारा वेबसाइट का निर्माण ना करते हुए व्यक्तिगत रूप से निवेशकों को ढूंढ कर उनके साथ ठगी की जा रही थी। जांच में पाए गए इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एएसपी राजेश रघुवंशी एवं एसडीएम अंशुल खरे द्वारा रविवार देर रात उक्त दोनों आरोपियों को पकड़कर उनके विरुद्ध कनाडिया थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 एवं 409 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई।
कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले के लोगों से अपील की है कि किसी भी अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकार के झांसे में ना आए। इन्वेस्टमेंट सलाहकार का सेबी(SEBI) में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। साथ ही सेबी(SEBI) द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों के अनुरूप कस्टमर की फाइल संधारण करना, कर्मचारियों का केवाईसी, रिस्क एसेसमेंट एवं सूटेबिलिटी एसेसमेंट जैसी घटकों का पालन करना आवश्यक है। यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा खुद को बिना किसी प्रमाण पत्र या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के फाइनेंसियल इंटरमीडियरी बताया जाता है तो उस पर विश्वास ना करें और तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें। कलेक्टर ने जिले में अवैधानिक रूप से कार्य कर रहे अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकारों के विरुद्ध सतत रूप से अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं।

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