दुकानों पर भी लगाएंगे काले झंडे।
गुंडों की धमकियों, हमलों के विरोध में उठाया ये कदम।
सड़क व फुटपाथ पर कब्जा जमा कर बैठे अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई की कर रहें मांग।
इंदौर : पश्चिमी क्षेत्र के एमटीएच क्लॉथ मार्केट सहित 13 प्रमुख बाजारों के हजारों व्यापारी बुधवार, 16 अगस्त को काली पट्टी बांधकर कारोबार करेंगे। वे अपनी दुकानों पर भी काले झंडे लहराएंगे। सभी मार्केट एसोसिएशनों के पदाधिकारियों की सामूहिक बैठक में ये फैसला लिया गया।
व्यापारिक संगठनों की ओर से अपनी बात रखते हुए अक्षय जैन, कैलाश मुंगड़ और अनिल रांका ने कहा कि पश्चिम क्षेत्र के कारोबारी फुटपाथ विक्रेताओं की दादागिरी और धमकियों से त्रस्त हो चुके हैं। वे कई बार जिला व पुलिस प्रशासन, नगर निगम और जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्याओ से अवगत करा चुके हैं पर कोई हल नहीं निकल सका है। जनप्रतिनिधि भी केवल आश्वासन भर दे रहे हैं, ऐसे में व्यापारिक संगठनों के पास मिलकर अपनी आवाज बुलंद करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
व्यापारियों पर हो चुके हैं हमले।
व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि राजवाड़ा क्षेत्र और आसपास के तमाम बाजारों में फुटपाथ व सड़कों पर गुंडों के संरक्षण में रेहड़ी पटरीवालों और ठेले वालों का कब्जा हो चुका है। वे दुकानों के सामने ही फुटपाथ और सड़क घेरकर बैठ जाते हैं। मना करने पर झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। दुकानदारों को जान से मारने की धमकियां दी जाती हैं। कई व्यापारियों पर हमले तक हो चुके हैं।
गुंडों द्वारा बेचे जा रहे फुटपाथ ।
व्यापारिक संगठनों के अनुसार असामाजिक तत्वों के हौंसले इतने बुलंद हैं की वे बकायदा लिखा – पढ़ी करके फुटपाथ पर जगह बेच रहे हैं और लाखों रुपयों की अवैध वसूली कर रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। उन्होंने गोपाल, जीतू, सुमित, टप्पू, डब्बू, यूसुफ, नंदू, इलियास, यशवंत आदि नाम भी बताए जो इस तरह की अवैध वसूली में लिप्त हैं।
सांठगांठ से चल रहा गोरखधंधा।
व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों के अनुसार वे कई बार फेरीवाले, ठेलाचालक और फुटपाथों पर कब्जा जमाकर बैठे लोगों की शिकायत नगर निगम, पुलिस व जिला प्रशासन से कर चुके हैं पर किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं है। ऐसा लगता है कि निगम कर्मी और पुलिस वालों का सरंक्षण भी इन्हें मिला हुआ है।
अवैध दलाओं, बेतरतीब ट्रैफिक समस्याओं से भी जूझ रहे कारोबारी।
प्रमुख बाजारों के पदाधिकारियों के अनुसार कारोबार करना उनके लिए दिन ब दिन कठिन होता जा रहा है। सिर्फ फुटपाथी विक्रेता, फेरीवाले, ठेले वाले ही परेशानी का सबब नहीं है। इन बाजारों में पार्किंग, बेतरतीब ट्रैफिक, अवैध दलालों की भरमार, महिलाओं के लिए शौचालयों का अभाव जैसी कई समस्याएं विकराल रूप धारण कर चुकी हैं।इसका सीधा असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है।
करोड़ों का राजस्व देने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई।
13 प्रमुख बाजारों के पदाधिकारियों ने आक्रोशित लहजे में कहा कि जीएसटी, संपत्ति कर, आयकर, पंजीयन कर सहित अन्य कई प्रकार के कर इन बाजारों के व्यापारी चुकाते हैं और करोड़ों रुपए का राजस्व सरकार के खजाने में जमा कराते हैं पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
तमाम व्यापारिक संगठनों ने फुटपाथों और सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त करने, अवैध वसूली करने वालों पर कार्रवाई करने और ट्रैफिक व पार्किंग जैसी समस्याओं से त्वरित निजात दिलाने की मांग की है अन्यथा वे मजबूर होकर आंदोलन करने पर विवश होंगे।