नई दिल्ली: मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता हाथ में आने से उत्साहित कांग्रेस लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को महागठबंधन के नेता के बतौर पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट करने के सपने देखने लगी है। डीएमके नेता स्टालिन का समर्थन मिलने के बाद तो कांग्रेसी नेता उत्साहित हो गए पर संभावित महागठबंधन के दल असहज हो गए हैं। सपा नेता अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा कि अगर कोई ऐसा कहता है तो इसका मतलब ये नहीं कि गठबंधन के सहयोगियों की राय भी वही है।
टीएमसी ने भी राहुल के नाम पर असहमति जताई थी। उसके नेताओं का कहना था कि ऐसी बातों से जनता में गलत संदेश जा सकता है। पीएम उम्मीदवार का निर्णय लोकसभा चुनाव के बाद होना चाहिए।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी पीएम के लिए राहुल गांधी का नाम आगे किये जाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना था कि पीएम के लिए कोई भी फैसला लोकसभा चुनाव के बाद ही लिया जाना चाहिए।
बीएसपी और टीडीपी जैसे दलों ने राहुल के नाम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है पर बताया जाता है कि वे भी चुनाव के पहले पीएम के लिए किसी का भी नाम आगे किये जाने के खिलाफ हैं।
संभावित गठबंधन सहयोगियों के रुख को देखते हुए इस बात की संभावना कम ही है कि राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किये जाने पर सहमति बन सकेगी। कांग्रेस ने इस मामले दबाव बनाने का प्रयास किया तो कथित महागठबंधन बनने के पहले ही बिखर सकता है।
पीएम के लिए राहुल के नाम पर गठबंधन दल सहमत नहीं।
Last Updated: December 18, 2018 " 07:00 pm"
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