पीड़ित पक्ष के प्रति संवेदनशील हो पुलिस का बर्ताव- डीजीपी

  
Last Updated:  August 2, 2019 " 09:29 am"

भोपाल : पुलिस अधिकारी अच्‍छे मनोवैज्ञानिक भी बनें, जिससे पीडि़तों की काउंसलिंग कर उनकी मदद की जा सके। पुलिस का व्‍यवहार पीडि़त पक्ष के प्रति सदैव संवेदनशील होना चाहिए, क्‍योंकि पुलिस के पास शिकायत लेकर आने वाले पीडि़त पक्ष की मानसिक स्थिति उस समय सामान्‍य नहीं होती। यह बात पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार सिंह ने महिलाओं एवं बच्‍चों संबंधी अपराध अनुसंधान कौशल उन्‍नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कही। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं एवं बच्‍चों से संबंधित अपराधों की विवेचना व्‍यवसायिक दृष्टिकोण के साथ पूरी गंभीरता से की जाए। फॅारेंसिक साक्ष्‍य लेने का तरीका सही हो, जिससे न्‍यायालय में हमारे साक्ष्‍य खरे उतरें और अपराधियों को दंड मिल सके।
गुरूवार से यहां पुलिस मुख्‍यालय के सभागार में मैदानी पुलिस अधिकारियों के लिए कौशल उन्‍नयन के लिए शुरू हुआ यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस मुख्‍यालय की महिला अपराध शाखा द्वारा यूनीसेफ के सहयोग से आयोजित किया गया है। इसमें प्रदेश के सभी जिलों से आए निरीक्षक व उपनिरीक्षक स्‍तर के पु‍लिस अधिकारी शिरकत कर रहे हैं। शुभारम्भ सत्र में अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध अन्‍वेष मंगलम, यूनीसेफ के प्रतिनिधि लॉलीचेन, सर्वोच्‍च न्‍यायालय के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अनंत कुमार अस्‍थाना, दिल्‍ली महिला आयोग के सलाहकार राजमंगल प्रसाद तथा यूनीसेफ के वरिष्‍ठ सलाहकार शाहबाज खान सहित अन्‍य अधिकारी मौजूद थे।
पुलिस महानिदेशक श्री सिंह ने कहा कि अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के साथ-साथ पुलिस की यह भी प्रमुख ड्यूटी है कि अपराध होने ही न दें। उन्‍होंने कहा पुलिस ऐसे लोगों तक अपनी पहुंच स्‍थापित करे, जो परेशानी होने के बावजूद अपनी बात पुलिस तक नहीं पहुंचा पाते। जिससे उनका आत्‍मविश्‍वास बढ़े और बेखौफ होकर वे अपनी बात रख सकें। श्री सिंह ने कहा कि लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया जाए कि महिलाओं एवं बच्‍चों की सुरक्षा संपूर्ण समाज की जिम्‍मेदारी है। पुलिस महानिदेशक ने जानकारी दी कि महिला व बच्‍चों के लिहाज से वल्‍नरेवल स्‍थानों को चिन्हिंत कर प्रदेश भर में महिला पुलिस के सहयोग से विशेष जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत बालिकाओं को आत्‍मरक्षा का प्रशिक्षण भी पुलिस दिला रही है।
अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध श्री अन्‍वेष मंगलम ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि प्रशिक्षण के दौरान महिला एवं बच्‍चों से संबंधित अपराधों के उत्‍कृष्‍ट अनुसंधान के बारे में उपयोगी बातें बताई जाएंगी। इसलिए गंभीरतापूर्वक यह प्रशिक्षण लें।
यूनीसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ श्री लॉलीचेन ने कहा बच्‍चों से जुड़े मामलों में विशेष संवेदनशीलता बरती जाए। साथ ही बच्‍चों के पुनर्वास कार्य में भी पुलिस सहयोगी बने। सर्वोच्‍च न्‍यायालय के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता एवं विधि विशेषज्ञ श्री अनंत कुमार अस्‍थाना ने महिलाओं एवं बच्‍चों से संबंधित विभिन्‍न कानूनों के उपयोग व महत्‍ता पर प्रकाश डाला। यूनीसेफ के सलाहकार श्री शाहवाज खान व बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री अद्वेता मराठे एवं दिल्‍ली महिला आयोग के सलाहकार श्री राजमंगल प्रसाद ने भी पुलिस अधिकारियों को उपयोगी प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम का संचालन सहायक पुलिस महानिरीक्षक महिला अपराध श्रीमती शालिनी दीक्षित ने किया। इस अवसर पर सहायक पुलिस महानिरीक्षक महिला अपराध श्री शशिकांत शुक्‍ला सहित अन्‍य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

पुस्तिका का किया विमोचन ।

महिला अपराध से संबंधित परिपत्रों का संकलन कर मध्‍यप्रदेश पुलिस की महिला अपराध शाखा द्वारा एक पुस्‍तक तैयार की गई है। परिपत्रों के संकलन के इस चौथे वाल्‍यूम का पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार सिंह एवं अन्‍य अतिथियों ने विमोचन किया।

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