मैदानी सर्वे ने इंदौर में कम्युनिटी स्प्रेड को किया नियंत्रित..

  
Last Updated:  May 18, 2020 " 06:38 pm"

इंदौर : इंदौर में जिला प्रशासन की सतत् कार्रवाई और कलेक्टर मनीष सिंह की प्लानिंग से कोरोना से उत्पन्न स्थितियाँ लगातार सँभल रही हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने नगर निगम, स्वास्थ्य और अन्य विभागों के मैदानी कर्मचारियों से समूचे शहर में एक सर्वे की प्लानिंग की थी। इसके कारण हर कमज़ोर कड़ी तक प्रशासन की पहुँच बनी है। जहाँ कहीं भी संदिग्ध प्रकरण नज़र में आए उन्हें तत्काल उपचार सुनिश्चित कराया गया।
आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं स्कूल शिक्षक की टीम शुरुआत से ही कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश एवं मार्गदर्शन में कंटेनमेंट क्षेत्रों में सर्वे का कार्य करती आ रही है। कलेक्टर द्वारा नेहरू स्टेडियम में लगातार ट्रेनिंग दी गई। निगम द्वारा बनाई गई कोविड-19 एप के माध्यम से सर्वे टीम ने डाटा एंट्री का कार्य किया तथा कोविड-19 के संदिग्ध लक्षणों वाले व्यक्ति को डॉक्टर की टीम ने त्वरित परामर्श भी दिया। सर्वे टीम को भी मेडिकल किट दी गई थी जिसके माध्यम से उन्होंने गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों में आवश्यकतानुसार मल्टीविटामिन, आयरन फोलिक एसिड आदि दवाइयों का वितरण किया।
सर्वे टीम 3 अप्रैल से लगातार सर्वे कार्य करती आ रही है। सर्वे के पश्चात फॉलो अप राउंड भी लिया जाता है। टीम में शामिल आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बतातीं हैं कि कई बार फॉलो अप के द्वारा कोविड-19 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई। जिसके फलस्वरूप समय रहते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाकर सही इलाज किया जा सका।
डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी मोबिलाइजर ने बताया कि शुरुआती दिनों में सर्वे टीम को रहवासियों से अपेक्षित सहयोग प्राप्त नहीं होता था। चूँकि समाज में कोरोना से भय का माहौल था, रहवासी सर्वे टीम से खुलकर बात नहीं कर पा रहे थे। परंतु जब सर्वे टीम के कार्य तथा उद्देश्य से सभी भली भांति परिचित हो गए तो सर्वे टीम का काम आसान हो गया।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक सर्वे के उपरांत फॉलो अप राउंड भी बहुत आवश्यक होता है। सर्वे टीम के लगातार प्रयासों तथा मेडिकल टीम के त्वरित रिस्पांस से ही कम्युनिटी स्प्रेड को नियंत्रित किया जा सका।

वायरस के भय को पीछे छोड़ निरंतर निभाया दायित्व।

सर्वे टीम का हिस्सा आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, स्कूल शिक्षक सभी ने लगातार कंटेनमेंट क्षेत्रों में जाकर सर्वे का कार्य किया है। कोरोना के भय से कोई अनजान नहीं फिर भी इन विषम परिस्थितियों में यदि सर्वे टीम की ये वीरांगनाएं अपने भय को हराकर कार्य नहीं करती तो इंदौर की स्थिति बहुत भयावह होती। इनके समर्पण का ही परिणाम है कि आज स्थिति प्रशासन के नियंत्रण में है। भले ही आंकड़ों की दृष्टि से इंदौर में कोरोना संक्रमण अधिक प्रतीत होता है, परंतु ये आंकड़े प्रशासन द्वारा अनुमानित आंकड़ों के करीब हैं।जिसके कारण प्रशासन एवं चिकित्सकीय अमला पहले से ही इस स्थिति के लिए तैयार था। यह कलेक्टर मनीष सिंह की दूरदर्शिता का ही परिणाम है जो समय रहते सर्वे कार्य को दिशा दी गई एवं उसे एक सफल अभियान के रूप में संचालित किया जा सका।

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