स्तन कैंसर पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में टारगेट थेरेपी के टेस्ट पर हुए रिसर्च।
इंदौर : इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट की मप्र शाखा की अध्यक्ष प्रो. डॉ. शिखा घनघोरिया द्वारा आयोजित 13 वी स्टेट कांफ्रेंस में कैंसर की डायग्नोसिस के लिए 100 से भी ज्यादा शोध प्रस्तुत किए गए। कांफ्रेंस के दूसरे और अंतिम दिन रविवार सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पैथोलॉजी के प्रोफेसर, प्राइवेट पैथोलॉजिस्ट और पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स ने उनके द्वारा किए गए रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए।
कैंसर की टारगेट थेरेपी को लेकर हुए रिसर्च की दी जानकारी।
डॉ. शिखा घनघोरिया ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज में कैंसर की टारगेट थेरेपी डिसाइड करने के लिए कुछ इम्यूनोहिस्टो केमिस्ट्री टेस्ट पर की गई रिसर्च के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि
टारगेट थेरेपी एक ऐसे थेरेपी है जो कैंसर के सेल में हो रहे जीन म्यूटेशन पर सीधे काम करती है।ऐसे पैथोलॉजी के कुछ टेस्ट होते हे जो कैंसर की निकली हुई गठानों पर किए जाते हैं जिससे मरीज को क्या टारगेट थेरेपी देनी है, यह तय किया जा सकता है।
जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज की डॉ. ज्योति प्रियदर्शनी ने प्रदेश में नैनो तकनीक से डायग्नोसिस और निदान पर हो रही रिसर्च के बारे में बताया। जीएमसी भोपाल की टीम ने बहुत सारे रेयर डायग्नोसिस प्रस्तुत किए।
डॉ. विनय बोहरा ने ब्लड कैंसर के इलाज के दौरान प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन का महत्व बताया।
प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस द्वारा स्तन, गर्भाशय,प्रोस्टेट,थायराइड और ब्रेन कैंसर पर सोध प्रस्तुत किए गए।