भोपाल : कभी एक- दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले सज्जन वर्मा और प्रेमचंद गुड्डू रविवार को पहली बार एक मंच पर थे। सज्जन गुड्डू की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे। वहीं गुड्डू उन्हें अपना बड़ा भाई बता रहे थे।
भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गुड्डू ने पुनः कांग्रेस का दामन थाम लिया।
पर्दे के पीछे यह पूरी रणनीति कमल नाथ ने तय की थी। गुड्डू दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं। दिग्विजय सिंह ने इसके पहले प्रदेश में सरकार के रहते भी गुड्डू को कांग्रेस में वापस लाने का प्रयास किया था लेकिन सज्जन वर्मा ने यह कहते हुए अड़ंगा लगा दिया था की गद्दारों की पार्टी में जरूरत नहीं है। इसलिए इस बार कमलनाथ ने गुड्डू की वापसी के पहले दोनों में सुलह कराई।
सज्जन के साथ का गुड्डू को सांवेर में होगा फायदा..?
श्री वर्मा और गुड्डू का मनमुटाव दूर होने का फायदा गुड्डू को सांवेर विधान सभा उप चुनाव में मिल सकता है। संभव है कि कमलनाथ सज्जन वर्मा को ही सांवेर विधान सभा उप चुनाव का प्रभारी बनाकर जिताने की जवाबदारी सौंप दें।