रास्ते भर गूंजा श्री हरि विट्ठल जय हरि विट्ठल का जयघोष।
कृष्णपुरा छत्री पर संतों ने की पालकी की पूजा।
आषाढ़ी एकादशी पर समग्र मराठी समाज का सालाना आयोजन।
इंदौर : आषाढ़ी एकादशी पर समग्र मराठी समाज के बैनर तले दिंडी यात्रा गुरुवार शाम को कृष्णपुरा छत्री से निकली ।खास बात यह रही कि बारिश भी वारकारियों (श्रद्धालु) का उत्साह कम नही कर पाई। कृष्णपुरा छत्री पर एक बार फिर पंढरपुर जैसा दृश्य नजर आया।
शाम होते ही कृष्णपुरा छत्री पर मराठी समाज के स्त्री ,पुरुष और बच्चे जुटना शुरू हो गए थे। पारंपरिक परिधानों में सके महिला व पुरुष झांझ मंजीरे की गूंज व ढोलक और मृदंग की थाप पर श्री हरि विट्ठल जय हरि विट्ठल, विट्ठल विट्ठल विट्ठला हरि ओम विट्ठला का जयघोष कर रहे थे। पालकी में मनोहारी विट्ठल रूखमा बाई के विग्रह को विराजित किया गया था।
कार्यक्रम संयोजक विनीता धर्म और कमलेश नाचन ने बताया कि यात्रा शुरू होने के पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रदीप तरानेकर महाराज,रामचंद्र अमृत फले महाराज ,कोकजे महाराज,शास्त्री महाराज, बर्वे महाराज आदि संतो ने कंकू चावल से पालकी का पूजन किया और पुष्पों की मालाएं विट्ठल रखुमाई के चरणों में अर्पित किए।इस बीच तिलक पथ और बारा भाई से भी आई पालकी यात्रा इस मुख्य यात्रा में शामिल हो गई।
भगवान श्री हरि विट्ठल के जयघोष के साथ निकली दिंडी यात्रा।
दिंडी यात्रा में आगे चल रहा बैंड भगवान श्री विट्ठल के भजन बजाते हुए भक्ति का अलख जगा रहा था।महिलाएं और युवतियां जय हरि विट्ठल का जयघोष करते हुए फुगड़ी खेलते हुए चल रही थीं। संत तुकाराम की वेशभूषा धारण किए एक श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र रहा।बड़ी संख्या में भगवा ध्वज लिए युवक भी शामिल हुए। वे श्री हरि विठला का उदघोष करते हुए हुए चल रहे थे।
भूपेंद्र पराड़कर ने बताया कि पूरी यात्रा बरसते पानी में निकली, बावजूद इसके श्रद्धालुओं का जोश व उत्साह देखने लायक था। संतों को बारिश से बचाव हेतु उनके अनुयायियों ने छतरिया लगा रखी थी। दिंडी यात्रा कृष्ण पुरा से वीर सावरकर मार्केट होते हुए महा लक्ष्मी मंदिर, आडा बाजार, यशवंत रोड होते हुए पंढरी नाथ मंदिर पर समाप्त हुई। जहां महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।