बागी विधायकों से मिलने पहुंचे मंत्री पटवारी लिए गए हिरासत में..

  
Last Updated:  March 12, 2020 " 01:20 pm"

भोपाल: सिंधिया समर्थक 22 बागी विधायकों को फिर से कांग्रेस के पाले में लाकर कमलनाथ सरकार को जीवनदान दिलाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। इसी के तहत आलाकमान की नजरों में अपने नम्बर बढ़वाने में जुटे मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह गुरुवार को बंगलुरु पहुंच गए। विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण चौधरी भी उनके साथ थे।
तीनों बंगलुरु के उस रिसोर्ट में पहुंच गए जहां सिंधिया समर्थक विधायकों को ठहराया गया है।

जबरन रिसोर्ट में घुसने की कोशिश की..?

बताया जाता है कि बागी विधायकों से मिलने के बहाने जीतू पटवारी और लाखनसिंह ने रिसोर्ट में जबरन घुसने की कोशिश की। बागी विधायकों की सुरक्षा में तैनात बंगलुरु पुलिस ने उन्हें रोका तो पटवारी उनसे बहस करने लगे। उन्होंने ये भी तर्क दिया कि विधायक मनोज चौधरी भी रिसोर्ट में हैं। उनके पिता नारायण चौधरी उनसे मिलना चाहते हैं पर बंगलुरु पुलिस ने किसी से भी मिलवाने से इनकार कर दिया। इसपर पटवारी और पुलिस में तीखी बहस होने के साथ धक्का- मुक्की भी हो गई। बात बढ़ती देख बंगलुरु पुलिस ने जीतू पटवारी व लाखन सिंह को हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

पुलिस पर बदसलूकी का आरोप।

मंत्री जीतू पटवारी ने बंगलुरु पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है। उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा। विधायक मनोज चौधरी से उनके पिता को भी मिलने नहीं दिया गया। बीजेपी की ये तानाशाही देश और मप्र की जनता देख रही है।

पटवारी के साथ की गई गुंडागर्दी।

बंगलुरु के घटनाक्रम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये जाने के बाद भोपाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह और विवेक तनखा ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर हमला बोला। उनका कहना था कि कर्नाटक में सरकार होने का फायदा उठाकर बीजेपी ने कांग्रेस के 19 से अधिक विधायकों को बंधक बना लिया है। उनपर दबाव बनाकर कमलनाथ सरकार को गिराने की साजिश रची गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह को विधायकों से मिलने नहीं दिया गया। बंगलुरु पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी और हाथापाई की। श्री तनखा ने विधायकों को बंधक बनाने के मामले को कोर्ट में ले जाने की भी बात कही।

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