बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दोषी पाए गए आतंकी आरिज को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

  
Last Updated:  March 15, 2021 " 08:37 pm"

नई दिल्ली : बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी ठहराए गए आरिज खान को दिल्ली की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ मानते हुए फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 8 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि एनकाउंटर के वक्‍त आरिज खान मौके पर ही था और वो पुलिस की पकड़ से भाग निकला था। अदालत ने कहा कि उसने भागने से पहले पुलिसवालों पर फायरिंग की थी। कोर्ट ने कहा कि बाटला हाउस एनकाउंटर में पुलिस टीम के चीफ इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा पर भी आरिज ने गोलियां चलाई थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी।

दिल्ली पुलिस ने की थी फांसी की सजा की मांग।

दिल्ली पुलिस ने अदालत से आरिज खान को फांसी की सजा दिए जाने का मांग की थी। सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एटी अंसारी ने कहा था कि कानून का अनुपालन करवाने वाला अधिकारी जो न्याय के संरक्षक थे, उनकी हत्या की गई है। वो अपनी ड्यूटी पर थे। इसलिए इस मामले में कड़ा कदम उठाने की जरूरत है।

फरवरी 2018 में किया था गिरफ्तार।

कोर्ट ने आरिज खान को आईपीसी की धारा 186, 333, 353, 302, 307, 174A, 34 के तहत दोषी पाया था। उसे आर्म्‍स ऐक्‍ट की धारा 27 के तहत भी दोषी करार दिया गया था। एक दशक तक फरार रहने के बाद फरवरी 2018 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी आरिज खान को गिरफ्तार किया था।

बम धमाकों के बाद पुलिस ने चलाया था सर्च ऑपरेशन।

13 सितंबर 2008 को करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट व ग्रेटर कैलाश में सीरियल बम धमाके हुए थे जिनमें 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी गुट आईएम ने अंजाम दिया है। इसके सुराग गुजरात में हुए ब्लास्ट से मिले। दरअसल, गुजरात में 26 जुलाई 2008 को ब्लास्ट हुआ था। गुजरात पुलिस ने जांच की और उससे जो लीड मिली वे उन्होंने इंटेलिजेंस एजेंसियों के अलावा सभी राज्यों की पुलिस से भी शेयर की थी। जानकारी दिल्ली पुलिस से भी शेयर की गई थी। उन लीड्स को लेकर जांच के बाद बाटला हाउस में सर्च ऑपरेशन अंजाम दिया गया था।

बम धमाकों में 14 आतंकी किए गए थे गिरफ्तार।

दिल्ली में हुए बम विस्फोटों के मामले में पुलिस ने कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारियां दिल्ली और उत्तर प्रदेश से की गई थीं। आरिज घटना के बाद 10 साल तक फरार रहा। उसे 14 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया।

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