बाबरी ढांचा ध्वस्त होने का शोक मना रही कांग्रेस का पाखंड उजागर

  
Last Updated:  October 28, 2023 " 08:34 pm"

चुनाव के समय रामभक्त होने का दिखावा करते हैं सनातन विरोधी कांग्रेसी।

इंदौर : राम को ’’काल्पनिक’’ मानने वाले कांग्रेसी जो अब नकली रामभक्त बन रहे हैं, उन्होंने ’’बाबरी ढांचा शहीदी’’ की पीड़ा उजागर कर अपने ढोंगी और पाखंडी होने का सबूत दिया है। अब “उन्हें हम नागनाथ कहें या साँंपनाथ कहें’’। कांग्रेस का यही दो मुंहापन है जो जनता में उजागर हो चुका है। कांग्रेस के डर्टी ट्रिक्स मीडिया विभाग के सदर (केके मिश्रा)ने सोनियाजी के इशारे पर जिस तरह बाबरी ढांचा ध्वस्त होने की घटना को शहीदी करार दिया, वह उनके छुपे हुए एजेंटे को उजागर करता है।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गोविन्द मालू ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए ये बात कही।

बाबरी ढांचा ध्वस्त होने का शोक मनाना कांग्रेस का असली चरित्र।

उन्होंने कहां कि राम मंदिर के शुभारंभ 22 जनवरी की तिथि जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताई है, कांग्रेस की गति साँप छछूँदर जैसी हो गई है। अब वे कभी नकली रामभक्त बनते है, कभी राम मंदिर के होर्डिंग को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए शिकायत करते हैं। 30 अक्टूबर 1990 को यूपी की तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं जिसमें 8 कारसेवकों का बलिदान हुआ और 27 घायल हुए थे।उनमें से 12 और मृत्यु को प्राप्त हुए थे, लेकिन इन बलिदानियों पर शोक जताने की बजाय ’’बाबरी ढांचे को शहीदी बता रही कांग्रेस का असली चरित्र उजागर हो गया है।

सनातन विरोधी है कांग्रेस।

मालू ने कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि न तो वे गोधरा के 65 कारसेवकों के जिन्दा जलाने पर शोक जताते हैं, न गोली चालन पर बल्कि वे तो टीपू सुलतान की जयंती मनाते हैं और बाबरी ढांचे के ध्वस्त होने का मातम।वे तो मुगलों के आक्रमण को भी जायज ठहराते हैं। सनातन विरोधी कांग्रेस इटली के इशारे पर चल रही है। हम राम के होर्डिंग लगाते हैं। कांग्रेस टीपू सुल्तान और बाबर के होर्डिंग लगाए और खुलकर वोट बैंक की राजनीति करे, लेकिन सनातन व हिन्दू मानबिन्दुओं के साथ छल,कपट न करें। देश का हर भारतीय इसका करारा जवाब देगा।

कमलनाथ ने कही थी राम जन्मस्थान पर पुन: बाबरी बनाने की बात।

बीजेपी प्रवक्ता गोविंद मालू ने आरोप लगाया कि जब केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अयोध्या में राम जन्म स्थान पर बाबरी मस्जिद बनाने की बात कही तो यह निर्णय लेने में कमलनाथ प्रमुख रूप से शामिल थे।

सनातन विरोधी ताकतें भेष बदलकर आती हैं।

उन्होंने कहा कि राक्षसी प्रवृत्तियां व सनातन विरोधी ताकतें पापाचार को बढ़ाने की कोशिश करती हैं तो वेष बदलकर आती हैं। रावण सीता हरण में साधु बनकर आया, कसाब कलावा बांधकर मुंबई हमला करने आया था। जनता ऐसे बहुरूपियों को पहचानती है और आगामी चुनाव में उनको माकूल जवाब देगी।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *