कान्ह – सरस्वती का पुराना वैभव लौटाने का लिया संकल्प।
इंदौर : मावठे की बारिश भी अभ्यास मंडल के कार्यकर्ताओं का उत्साह कम नहीं कर पायी। तय समय में कृष्णपुरा छत्री पर दीपोत्सव का कार्यक्रम संपन्न हुआ। अभ्यास मंडल वर्ष 2008 से कृष्णपुरा छत्री के पास बने घाटो पर दीप प्रज्जवलित करता रहा है। इस बार भी यह परंपरा निभाई गई। हालाँकि बारिश नही थमी और कुछ समय के लिए बिजली भी चली गई। इस सबके बावजूद अभ्यास मंडल के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से दीप रोशन किए।
मीडिया प्रभारी प्रवीण जोशी ने बताया कि कान्ह और सरस्वती दोनों नदियाँ हमारे लिए खास है। किसी समय इनमें कल कल पानी बहता था और लोग नहाते थे। बाद में यह नदियां गन्दे नाले में तब्दील हो गई।
अभ्यास मंडल के वरिष्ठ पूर्व अध्यक्ष शिवाजी मोहिते ने बताया कि 16 वर्ष पहले अभ्यास मंडल ने कान्ह सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने का एक संकल्प लिया था इसके सभी घाटो की सफाई करने और नदी में जमा गाद को निकालने का, उसी वर्ष एक सफाई अभियान शुरू किया गया। संस्था के सभी सदस्य कृष्णपुरा छत्री के घाटों पर आते और सफाई करते थे। बाद में शहर के नागरिक भी इस अभियान से जुड़ने लगे। हर रविवार सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सभी मिलकर घाटों के आसपास जमीं गंदगी को कुदाल और फावड़े से निकालते थे।कृष्णपुरा छत्री से शुरू हुआ यह अभियान, हरसिद्धि मन्दिर, तोडा आदि क्षेत्रों में भी चला। धीरे – धीरे विभिन्न सामाजिक संघटन और आम नागरिक भी इससे जुड़ते गए। इस अवसर पर नईदुनिया के संपादक सदगुरु शरण अवस्थी ने मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। आभार संस्था सचिव नेताजी मोहिते ने माना। इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी श्याम सुंदर यादव,अजीत सिंह नारंग, शफी शेख, हरेराम वाजपेयी, पीसी शर्मा, मुरली खंडेलवाल, डॉ रजनी भंडारी, देवीलाल गुर्जर,डॉ, सीएल यादव, मुंतहा शेख, द्वारका मालवीय सहित शहर के कई नागरिक उपस्थित थे।