बालासोर ट्रेन दुर्घटना में घायलों की मदद में जुटे रहे संघ के स्वयंसेवक

  
Last Updated:  June 6, 2023 " 04:41 pm"

बोगियों में फंसे घायलों को बाहर निकालने से लेकर अस्पताल पहुंचाने और भोजन – पानी का भी किया इंतजाम।

घायलों की जान बचाने के लिए किया 500 यूनिट रक्तदान।

नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (2 जून) शाम को हुई भीषण रेल दुर्घटना बाद चले राहत और बचाव कार्य में में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सराहनीय भूमिका रही। कांग्रेस और उसके जैसे तमाम दल जब आपदा पर भी राजनीतिक रोटी सेंक रहे थे, सैकड़ों स्वयंसेवक घायलों को राहत पहुंचाने में जुटे हुए थे। ट्रेन की बोगियों में फंसे घायलों को बाहर निकालने से लेकर उन्हें अस्पताल पहुंचाने, इलाज की व्यवस्था करने और गंभीर मरीजों के लिए रक्तदान करने में संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक पूरे समय जुटे रहे। संघ के स्वयंसवकों ने घायलों के लिए करीब 500 यूनिट रक्तदान किया। बालासोर जिले के बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुए इस भीषण ट्रेन हादसे के बाद संघ के स्वयंसेवक तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गए थे।

दरअसल, जहां पर दुर्घटना हुई उसके पास स्थित गांव बहनागा में संघ की शाखा होने के कारण हादसे की सूचना मिलते ही संघ के स्वयंसेवक मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए थे। बाद में आसपास के जिलों से भी स्वयंसेवक दुर्घटना स्थल पहुंचे और राहत कार्यों में हाथ बंटाया।

राहत और बचाव कार्य में देरी ना हो, इसके लिए स्वयंसेवक ऑटो, मोटरसाइकिल से घायलों को अस्पताल ले गए।

घायलों के लिए किया रक्तदान।

संघ के स्वयंसेवकों ने स्वयं रक्तदान करने के साथ-साथ घायल यात्रियों के लिए दूसरों को को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया। कुछ घायल यात्रियों को भद्रक जिला मुख्यालय अस्पताल व सोरो स्थित मेडिकल ले जाया गया था, वहां भी संघ के स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया। घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक स्वयंसेवक राहत बचाव कार्य में लगे रहे।

शवों को निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाना, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना, खून की व्यवस्था करना और भोजन- पानी की भी व्यवस्था स्वयंसेवकों ने की।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल, सेवा भारती के सैकड़ों कार्यकर्ता भी लगातार राहत बचाव कार्य में लगे रहे। इस भीषण दुर्घटना में जीवन खोने वाले यात्रियों के शवों की पहचान में उनके परिजनों की सहायता भी संघ के स्वयंसेवको ने की। जब तक राहत और बचाव कार्य पूरा नहीं हो गया संघ के कार्यकर्ता मोर्चे पर डटे रहे।

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