भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित लोगों की तत्परता से सहायता की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जोरों पर हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए बाढ़ में फंसे करीब 800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। किसी तरह की जनहानि नहीं होने दी गई है। नौकाएं भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए सक्रिय हैं। भोपाल कमिश्नर सहित अन्य अधिकारी भोपाल संभाग के बाढ़ प्रभावित इलाकों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। राहत के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
पीएम मोदी को बाढ़ के हालात से कराया अवगत।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया। श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। अतिवर्षा से आई बाढ़ पर निरंतर नजर रखी जा रही है। आपदा राहत के कार्य चल रहे हैं। कहीं भी किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है। प्रदेश के करीब 400 गांव बाढ़ से प्रभावित है। सेना का सहयोग भी राहत और बचाव कार्य में लिया जा रहा है। पीएम मोदी ने सीएम शिवराज को आश्वस्त किया कि बाढ़ से उपजे हालात से निपटने में केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी।
अतिवर्षा का 20 साल का रिकॉर्ड टूटा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि नर्मदांचल के कुछ हिस्सों में 20 वर्ष पूर्व हुई अतिवर्षा का रिकार्ड टूटा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक राहत कार्य संचालित किए जा रहे हैं। बचाव दल सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि वर्ष 1999 की बाढ़ का रिकॉर्ड इस बार टूटा है।
मुख्यमंत्री ने आम लोगों से अपील की है कि पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविरों में शिफ्ट होने में सहयोग करें। बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि वे बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन, वस्त्र और अन्य मदद प्रदान करने में सहयोग करें।
बालाघाट में 3 लोगों को किया एयरलिफ्ट।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बालाघाट जिले में बाढ़ प्रभावित ग्राम कुलमी के 3 लोगों को एअरलिफ्ट कर लिया गया है। होशंगाबाद जिले के कुछ गांवों में बाढ़ में फंसे लोगों को आर्मी और एनडीआरएफ की टीमें सुरक्षित निकालने में जुटी हैं। सीहोर जिले में भी कुछ गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। प्रशासन लगातार उनके संपर्क में बना हुआ है। जरूरत पड़ी तो वहां भी एनडीआरएफ की टीम के साथ आर्मी के जवान हमारी मदद करेंगे। आर्मी के कॉलम नसरुल्लागंज और शाहगंज को बेस बनाकर आसपास के लोगों की मदद करेंगे।
बारिश थमने से मिली आंशिक राहत।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बारिश कहीं-कहीं थमी है, बांधों से भी पानी का डिस्चार्ज थोड़ा कम हुआ है। नर्मदा का जलस्तर धीरे-धीरे कम होना प्रारंभ हुआ है। इससे थोड़ी सी राहत तो मिली है लेकिन हमें सावधान रहने की जरूरत है।
बाढ़ से घिरे गांवों के लोग राहत शिविरों में चले जाएं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ से घिरे गांवों के लोगों से अपील की है कि वे प्रशासन के कहने पर घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में चले जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी बारिश की संभावना बनीं हुई है, बांध भरे हुए हैं। ऐसी स्थिति में फिर बाढ़ की स्थिति बन सकती है। इसलिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है। कोरोना काल में भी राहत शिविरों में हम बेहतर से बेहतर व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन आपके सहयोग की जरूरत है।