बिना टेंडर भुगतान मामले में महापौर, निगमायुक्त सहित 23 पर लटकी लोकायुक्त जांच की तलवार

  
Last Updated:  September 30, 2019 " 06:16 pm"

इंदौर : नगर निगम में अतिरिक्त स्वीकृति के नाम पर करोड़ो रूपये का भुगतान बिना टेंडर बुलाये कतिपय ठेकेदारों को किये जाने का मामला प्रकाश में आया है । जिसे लेकर कांग्रेस महासचिव दिलीप कौशल ने सूचनाओ के आधार लोकायुक्त कार्यालय भोपाल को शिकायत की थी जिसे लोकायुक्त भोपाल ने स्वीकार कर शिकायत क्रमांक 203/2019 पंजीबद्ध कर जांच शुरु कर दी है ।
सूत्रों के अनुसार विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इंदौर के उप पुलिस अधीक्षक संतोषसिंह भदौरिया इस प्रकरण की जांच कर रहे है। उन्होंने आरोपियों को नोटिस जारी कर अपराध से जुड़ी सभी फाइलें लेकर उपस्थित होने के निर्देश जारी किए है । बताया जाता है कि नगर निगम विधान तथा पी.डब्लू.डी के नियमों के अनुसार अतिरिक्त्त स्वीकृति 10 से 25 % तक देने का उल्लेख है वहीं निगम के कामकाज, संचालन प्रक्रिया एवं मध्यप्रदेश राजपत्र अनुसार 1 लाख रुपये से अधिक के काम का टेंडर बुलाया जाना जरूरी है परंतु नगर निगम की महापौर ने एम.आई.सी प्रस्ताव करके बिना टेंडर के भुगतान की स्वीकृति दी वही पूर्व आयुक्त मनीषसिंह एवं अपर आयुक्त देवेन्द्र सिंह ने भी मनचाहे ठेकेदारों को अतिरिक्त स्वीकृति के नाम पर 142% तक का भुगतान बिना टेंडर के नियम विरुद्ध कर दिया। वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह ने भी भुगतान की अनुसंशा कर भुगतान किया। अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर ने अन्य आरोपियो से मिलकर उक्त दस्तावेज एवं अनुबंध बनाये व दस्तखत किये और आरोपीगणों ने संगनमत होकर करोड़ो रूपये का भुगतान नियम विरुद्ध प्राप्त कर बटवारे से अपवंचन किया ।
इसी प्रकार वाइट चर्च चौराहे के विकास के नाम पर 3 अलग अलग कार्य आदेश एक ही काम के जारी किए है ।
लोकायुक्त संगठन को श्री दिलीप कौशल ने उक्त के संबंधित शिकायत शपथ पत्र सहित की है जिसमे आरोपीयो के कब्जे से फाइलें जप्त करने तथा जांच कर करवाई करने की मांग की है जिसके प्रथम परीक्षण उपरांत लोकायुक्त संगठन द्वारा महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, पूर्व आयुक्त मनीष सिंह, आयुक्त आशीष सिंह, अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह, पूर्व अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर, अधीक्षण यंत्री एन.एस तोमर, कार्यालय अधीक्षक विजय सक्सेना, कंप्यूटर आपरेटर श्रीमती पूर्वा सराफ एवं ठेकेदारों सहित कुल 23 के विरुद्ध शिकायत क्रमांक 203।2019 पंजीबद्ध कर जांच प्रारंभ करते हुए आरोपिययो को 4 से 11 अक्टूबर तक दस्तावेज प्रस्तुत करने तथा उपस्थित होने का सूचना पत्र जारी किया है।

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