बुलावे के बाद भी अधिकारियों के नहीं आने पर कैलाशजी ने जताई नाराजगी, कमिश्नर के निवास पर दिया धरना

  
Last Updated:  January 3, 2020 " 09:42 pm"

इंदौर : बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय वरिष्ठ अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जताते हुए शुक्रवार को संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के निवास पर धरने पर बैठ गए। उनके साथ सांसद शंकर लालवानी, शहर अध्यक्ष गोपी नेमा और विधायक रमेश मेंदोला सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी थे।

बुलाने पर भी नहीं आए अधिकारी।

दरअसल, माफिया के खिलाफ कार्रवाई में बीजेपी से जुड़े कार्यकर्ताओं को टारगेट किये जाने की शिकायत मिलने पर कैलाशजी ने संभागायुक्त, कलेक्टर, निगमायुक्त और एसएसपी (डीआईजी) को चर्चा के लिए रेसीडेंसी कोठी बुलाया था। शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे कैलाशजी बीजेपी कार्यालय से पार्टी नेताओं के साथ पैदल ही रेसीडेंसी कोठी की ओर चल पड़े। कार्यकर्ताओं का हुजूम कैलाशजी के कार्यक्रम की जानकारी होने पर वहां इकठ्ठा हो गया था। वे भी कैलाशजी के पीछे हो लिए। रेसीडेंसी पहुंचने तक वे कमलनाथ सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। रेसीडेंसी कोठी में कैलाशजी की बात सुनने के लिए कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं था। केवल एडीएम बीबीएस तोमर और एडिशनल स्तर के पुलिस अधिकारी वहां खड़े थे। इस बात पर कैलाशजी नाराज हो गए। उन्होंने श्री तोमर के समक्ष नाराजगी जताते हुए कहा कि पत्र लिखकर जानकारी देने के बावजूद वरिष्ठ अधिकारियों का अनुपस्थित रहना बेहद आपत्तिजनक है। अगर वे कहीं और व्यस्त थे तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए थी। कैलाशजी ने खरी- खरी सुनाते हुए कहा कि अधिकारी ये भूल गए हैं कि वे जनता के सेवक हैं। वे प्रोटोकॉल भूलकर जनप्रतिनिधियों की अवहेलना कर रहे हैं। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे।

संभागायुक्त के निवास पर दिया धरना।

रेसीडेंसी से निकलकर कैलाशजी पार्टी नेताओं के साथ संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। पता चला कि वे भी घर पर नहीं हैं। इसपर कैलाशजी तमाम पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ वहीं धरने पर बैठ गए। उन्होंने अधिकारियों के रवैये पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा कि वे कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे हैं। लिखित सूचना देने के बाद भी चर्चा के लिए नहीं आना उनकी मनमानी को दर्शाता है। ये जनप्रतिनिधियों के साथ बीजेपी का भी अपमान है। वक्त आने पर उन्हें इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। सांसद शंकर लालवानी और बीजेपी शहर अध्यक्ष गोपी नेमा ने भी प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। थोड़ी देर तक धरना देने के बाद कैलाशजी सहित सभी नेता व कार्यकर्ता वहां से रवाना हो गए।

बीजेपी कार्यकर्ताओं को बनाया जा रहा टारगेट।

इसके पूर्व बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि वह माफिया के खिलाफ कार्रवाई को राजनैतिक रंग देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई हो ये सब चाहते हैं। इसीलिए प्रशासन की नियम विरुद्ध की जा रही कार्रवाई को भी हमने अनदेखा किया। लेकिन माफिया की आड़ में बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके मकान- दुकान तोड़ने की धमकी देकर उनपर बीजेपी छोड़कर कांग्रेस के पाले में आने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने सीएम कमलनाथ को चेतावनी देते हुए कहा कि वे बीजेपी कार्यकर्ताओं को परेशान करने से बाज आए अन्यथा हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। कैलाशजी ने शासन- प्रशासन को चेताया कि वे बीजेपी को कमजोर समझने की भूल न करें।

कांग्रेस नेताओं के अवैध निर्माणों की सूची है तैयार।

कैलाशजी ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं के अवैध मकान- दुकान व गुमटियों की सूची उनके पास आ गई है। उसमें 167 कांग्रेसियों के नाम शामिल हैं। वे अन्य कांग्रेसी नेताओं के अवैध निर्माणों की जानकारी भी इकट्ठी कर रहे हैं। उसके बाद वे सीएम कमलनाथ से जवाब- तलब करेंगे। कैलाशजी ने कहा कि वे कमर के नीचे वार करने की राजनीति नहीं करते पर मजबूर किया गया तो हर तरह से जवाब देने में पीछे भी नहीं हटेंगे।

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