इंदौर : कलेक्टर मनीष सिंह की संवेदनशीलता से एक कलाकार की ज़िंदगी फिर से सँवर रही है। आख़िर प्रशासन की मदद का हाथ प्रभात चटर्जी तक पहुँच ही गए। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर मंगलवार को संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय शुचिता तिर्की ढूँढ़ते-ढूँढ़ते प्रभात चटर्जी तक पहुँच ही गई। उन्हें सामाजिक न्याय विभाग के आश्रय स्थल तक ले जाया गया। उम्मीद है कि प्रभात चटर्जी का जीवन अब बेसहारा नहीं रहेगा। सोशल मीडिया में दिनभर चले किस्सों से पता चलता है कि प्रभात जी के आर्केस्ट्रा का कितना क्रेज था। उनके चाहने वाले उनसे मिलने के लिए तरसते थे और आर्केस्ट्रा के लिए उन्हें एंगेज करना तो एक उपलब्धि होती थी।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर मनीष सिंह ने अकॉर्डियन प्लेयर प्रभात चटर्जी के दुख भरे जीवन की जानकारी सामने आने के बाद इस मामले में संज्ञान लिया था। संवेदनशीलता दिखाते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कलाकार प्रभात चटर्जी की सुध प्रशासन लेगा। इंदौर के बेहद प्राचीन आर्केस्ट्रा चटर्जी ग्रुप के संस्थापकों में से एक प्रभात चटर्जी के कष्टमय जीवन की जानकारी उन्हें मिली है। प्रभात चटर्जी एक प्रख्यात अकॉर्डियन प्लेयर रहें हैं। 1975 से तीन दशक तक उनके साज की आवाज़ इंदौर के साथ-साथ देश भी सुनता रहा है। कलेक्टर सिंह ने कहा है कि इंदौर देवी अहिल्या की नगरी है। यहाँ न कोई अनाथ रहता है न ही कोई भूखा सोता है। हम इस कलाकार की ज़िंदगी फिर से सँवारेंगे और उनकी बेरंग ज़िंदगी में फिर से रंग भरने की कोशिश करेंगे। कलेक्टर मनीष सिंह ने सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों को त्वरित रूप से निर्देशित किया था कि वे प्रभात चटर्जी तक जाएं और उनसे चर्चा करें। फिलहाल प्रभात चटर्जी को आस्था वृद्धाश्रम में रखा गया है।