इंदौर: संत श्री भय्यू महाराज की मौत को लेकर उनके अनुयायियों ने सवाल खड़े किए हैं। सोमवार को पत्रकार वार्ता के जरिये वे मीडिया से मुखातिब हुए और भय्यू महाराज द्वारा आत्महत्या किये जाने की बात को संदेहास्पद बताते हुए समूची घटना की सीबीआई जांच की मांग की।
गुरु भक्तों का कहना था कि भय्यू महाराज ज़िन्दगी से निराश और हताश लोगों में जीने की उम्मीद जगाते थे। महाराष्ट्र में लाखों किसानों की जिंदगी उन्होंने बचाई, ऐसे में वे खुद आत्महत्या जैसा कदम उठाएंगे ये बात गले नहीं उतरती। गुरुभक्तों के अनुसार पुलिस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है। घटना के 5 माह बाद भी वो सच्चाई सामने नहीं ला पाई है। गुरुभक्तों ने ऐसे कई सवाल उठाए जो आत्महत्या पर संदेह खड़े करते हैं।
1. घटना के एक दिन पूर्व 11 जून की रात भय्यू महाराज कहीं जानेवाले थे, ड्रायवर गाड़ी लेकर तैयार खड़ा था। रात 2.30 बजे तक उसने महाराज का इंतजार किया फिर जाकर सो गया। आखिर महाराज को बाहर जाने से किसने रोका.?
2. महाराज की कथित आत्महत्या के 3-4 माह पहले से ही उनकी पत्नी आयुषी और बेटी कुहू के बीच अनबन की खबरें मीडिया में प्रसारित की जाती रही, ये कौन कर रहा था कहीं ये सुनियोजित साजिश तो नहीं थी।
3. ऐसा कैसे हो सकता है कि 12 जून की सुबह बेटी कुहू घर आनेवाली थी, उसके लिए महाराज ने एयरपोर्ट गाड़ी भेजी थी और उसके आने के पहले ही खुद को गोली मार ली।
4. हैरत की बात ये है कि महाराज ने खुद को गोली मार ली पर घर मे मौजूद सेवादारों और अन्य लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी और न ही गोली चलने की आवाज सुनाई दी।
5. गोली चलने की आवाज किसी ने नहीं सुनी तो फिर दरवाजा तोड़ने की नौबत क्यों आयी।
6. गुरुभक्तों के अनुसार घटना के पहले और बाद में जो लोग घटनास्थल पर मौजूद थे उनसे पुलिस ने पूछताछ क्यों नहीं की।
7. महाराज को अस्पताल ले जाते ही मीडिया और सोशल मीडिया पर उनका कथित सुसाइड नोट वाइरल हो गया। ये किसने किया और इसके पीछे क्या उद्देश्य था.. ।
8. सभी सेवादारों को ये बात पता थी कि भय्यू महाराज जब भी दौरे पर बाहर जाते थे तो सुरक्षा के लिहाज से लोडेड पिस्टल साथ मे रखते थे जिसमें 2 कारतूस होते थे। जब वे घर लौटते थे तो पिस्टल अनलोड करके कारतूस और गोलियां अलग- अलग रखी जाती थी। महाराज को ये बात पता नहीं होती थी और न ही उन्हें पिस्टल लोड- अनलोड करना आता था ऐसे में घटना वाले दिन महाराज को पिस्टल लोड करके किसने और क्यों दी।
9. गुरुभक्तों का कहना था कि गृहकलह की बात जानबूझकर फैलाई गई ताकि घटना का असली कारण सामने नहीं आ सके।
विनायक कहाँ लापता है..
गुरुभक्तों ने महाराज के खास सेवादार और सद्गुरु पारमार्थिक ट्रस्ट के ट्रस्टी विनायक दुधाले के गायब होने पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि बीते 2 माह से विनायक लापता है। उससे प्रत्यक्ष अथवा फ़ोन पर किसी भी तरह संपर्क नहीं हो पा रहा है।
गुरुभक्तों ने बताया कि सोमवार दोपहर महाराज के इंदौर स्थित आश्रम में देशभर से आये अनुयायी और सद्गुरु ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें भय्यू महाराज की कथित आत्महत्या की घटना की सीबीआई जांच की मांग पर सहमति जताई गई। बाद में इस आशय का ज्ञापन adgp अजय शर्मा, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा और कलेक्टर निशांत वरवड़े को सौंपा गया।
अधिकारियों के माध्यम से मप्र सरकार के अलावा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम भी ज्ञापन प्रेषित कर घटना की सीबीआई जांच की मांग की गई है।
बैठक में केवल 2 ट्रस्टी रहे मौजूद
भय्यू महाराज की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर बुलाई गई बैठक में सद्गुरु पारमार्थिक ट्रस्ट के 7 में से केवल 2 पदाधिकारी तुषार पाटिल और दिलीप देशमुख शामिल हुए। अन्य ट्रस्टियों में संभाजी देशमुख, भारतभूषण क्षीरसागर, प्रशांत देशमुख, विनायक दुधाले आदि हैं जो अनुपस्थित रहे।सीबीआई जांच की मांग को भय्यू महाराज की पत्नी आयुषी की सहमति होने की बात भी गुरुभक्तों ने कही।
पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से सद्गुरु ट्रस्ट के सचिव तुषार पाटिल, गुरुभक्त शाम देशमुख- अकोट, संदीप देशमुख- नागपुर, प्रवीण देशमुख- यवतमाल आदि मौजूद रहे।