इंदौर : भागवत कथा सुनने आप स्वेच्छा से जाएं अथवा किसी के कहने से, अनिच्छा से किंतु भागवत कथा सुनने का सुफल आपको अवश्य मिलेगा । भागवत भक्ति में डूबकर कथा सुनने का सुपरिणाम ना केवल परिवार और वर्तमान पीढी को मिलता है, बल्कि आने वाली सात पीढियां इसका फल प्राप्त करती हैं।
ये विचार मुंबई की ख्यात कथाकार मंजूषा भागे ने धनवन्तरी नगर स्थित सिद्धि विनायक गणेश मंदिर प्रांगण में चल रही सात दिवसीय संगीतमयी भागवत कथा में दूसरे दिन व्यक्त किए ।
रविवार की कथा में मंजूषा जी ने श्रीराम और कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर उनका तुलनात्मक विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि भगवत कृपा प्राप्त करने के लिए मन में भाव होना आवश्यक है क्योंकि भगवान भावनाओं के भूखे होते हैं। उन्हें अपने भक्त से और किसी प्रकार की आस नहीं होती।
कथा संयोजक व्यंकटेश अवसरकर और सुनील बेहरे गुरुजी ने बताया कि कथा स्थल पर भगवत कथा की संहिता का वाचन विद्याधाम के विद्यार्थियों द्वारा प्रतिदिन सुबह 10 बजे से किया जा रहा है । सोमवार को कथा के दौरान गोपालकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा । भागवत कथा 30 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक जारी रहेगी ।
भागवत कथा सुनने का सुफल अवश्य मिलता है- मंजूषा भागे
Last Updated: December 26, 2021 " 10:10 pm"
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