भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में बढ़ता वायु प्रदूषण चिंता की बात..

  
Last Updated:  November 24, 2022 " 08:12 pm"

धर्म के नाम पर न हो पाखंड..

पीएम मोदी ने भारत की आध्यात्मिक चेतना को जगाया..

इंदौर प्रेस क्लब के ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम में बोले स्वामी नलिनानंद गिरी जी।

इंदौर : अमेरिका के साथ दुनियाभर में भारतीय ज्ञान परंपरा, धर्म और अध्यात्म की पताका को लहराने वाले युवा संत स्वामी नलिना नंद गिरी जी इन दिनों इंदौर आए हुए हैं। वे रेडिसन होटल के समीप स्थित दिव्य शक्ति ज्ञानपीठ में आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ में अपने दिव्य विचारों से श्रद्धालुओं को लाभांवित कर रहे हैं। 9 वर्ष पूर्व अमेरिका में जाने के बाद वहीं के नागरिक बन गए स्वामी नलिना नंद जी ने इटरनल वाइस नामक संस्था की स्थापना की है। कई देशों में इसकी शाखाएं हैं, जो भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रचार – प्रसार में जुटी है। स्वामी नलिना नंद स्वयं 63 देशों की यात्रा कर चुके हैं। सनातन वैदिक संस्कृति के वाहक स्वामीजी, धर्म के नाम पर बढ़ते पाखंड के घोर विरोधी हैं। वे समाज में घुलते मानसिक प्रदूषण के साथ हवा, पानी में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर भी चिंतित हैं और इसके खिलाफ अलख जगाते रहते हैं। शहीद रामप्रसाद बिस्मिल को अपना आदर्श मानने वाले स्वामी नलिना नंद गुरुवार को इंदौर प्रेस क्लब के ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम में शामिल हुए। दिव्य शक्तिपीठ की संचालक डॉ. दिव्या गुप्ता ने स्वामी नलिनानंद जी का परिचय कराया। इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने स्वामीजी का स्वागत किया। इसके बाद स्वामीजी ने अपनी बात रखने के साथ मौजूद मीडिया कर्मियों के सवालों के जवाब बेबाकी के साथ दिए।

धर्म के नाम पर पाखंड फैलाना ठीक नहीं।

पंजाब के बड़े उद्योगपति घराने से होते हुए भी सबकुछ त्यागकर सन्यासी का चोला ओढ़ने वाले स्वामी नलिनानंद जी ने कहा कि उन्होंने अमेरिका की नागरिकता भले ही ले ली है पर भारतीयता और भारत से नाता नहीं तोड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत में धर्म के नाम पर बढ़ते पाखंड और गहराते वैचारिक व वायु प्रदूषण से वे चिंतित हैं। धर्म का व्यावसायीकरण नहीं होना चाहिए। लोगों की आस्था का दुरुपयोग करते हुए उन्हें टोटकों में उलझाया जाता है, इनका कोई मतलब नहीं होता। जरूरत लोगों को पुरुषार्थ के लिए प्रेरित करने की है। उन्होंने कहा कि सनातन वैदिक संस्कृति वेद, उपनिषद भारतीय ज्ञान परंपरा के वाहक हैं। इनके सही अर्थ से लोगों को परिचित कराया जाना चाहिए। हमारी परंपरा आध्यात्म के जरिए मोक्ष को प्राप्त करने की रही है। स्वामी नलिनानंद ने धर्म के नाम पर मचे पाखंड पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि टोटकों से समस्याओं का समाधान संभव है तो फिर सीमाओं की रक्षा और जीडीपी को मजबूती देने में इनका उपयोग क्यों नहीं किया जाता। उनका कहना था कि भक्त और भगवान के बीच किसी तीसरे की जरूरत नहीं है।

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में भी बढ़ता वायु प्रदूषण चिता की बात।

स्वामी नलिनानंद गिरी जी ने भारत के शहरों में वायु और जल प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने पर चिंता जताई। उनका कहना था कि अमेरिका में प्रदूषण का स्तर बढ़ता भी है तो चार या पांच एक्यूआई तक पहुंचता है। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में भी ए क्यु आई का स्तर 172 होना चिंता की बात है। इसीतरह नदियों, तालाबों का प्रदूषित होता पानी भी खतरे की घंटी है। हमें सोचना चाहिए कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए किसतरह का वातावरण छोड़ कर जाना चाहते हैं।

फ्लैक्स प्रिंटिंग पर लगाए प्रतिबंध।

स्वामीजी ने कहा कि प्लास्टिक से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। इसे नष्ट भी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि फ्लैक्स प्रिंटिंग पर प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है। उनके संगठन इनर वाइस का काम 63 देशों में चल रहा है। इन सभी देशों के साधकों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन पीएम मोदी को भेजकर फ्लैक्स प्रिंटिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जाएगी। फ्लैक्स प्रिंटिंग की बजाए इसे डिजिटलाइज किया जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने भारत की आध्यात्मिक चेतना को जगाया।

स्वामी नलिनानंद जी ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर व महाकाल लोक के साथ अन्य तीर्थ स्थलों का निर्माण और जीर्णोद्धार कर भारत की आध्यात्मिक चेतना को ही नहीं जगाया बल्कि उसे शीर्ष पर पहुंचाया। इसके लिए उनका धन्यवाद किया जाना चाहिए।

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