भोपाल : मध्यप्रदेश देश में चौथा सबसे गरीब राज्य है। इस दाग से पीछा छुड़ाने और प्रदेश की छवि सुधारने के लिए सरकार एक नया तरीका आजमाने जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार अब भिखारियों को पीडीएस का रियायती राशन मुहैया कराएगी। इसके लिए पूरे प्रदेश में पंद्रह दिसंबर से निकायवार अभियान चलाकर ऐसे सभी लोगों को राशन की पात्रता पर्ची वितरित की जाएगी, जो भीख मांगकर अपना जीवन यापन करते हैं।
मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित है भिक्षावृत्ति।
यूं तो मध्यप्रदेश में भिक्षावृत्ति प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बाद भी काफी संख्या में गरीब व्यक्ति झुग्गी बस्तियों में, विभिन्न धार्मिक स्थल के पास, धर्मशालाओं के आसपास, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौराहों और रिहायशी क्षेत्रों में मांगकर जीवन यापन करते दिखाई देते हैं। ऐसे लोगों के लिए अब खाद्य विभाग पात्रता पर्ची जारी करेगा। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्रता पर्ची प्राप्त परिवारों को राशन उपलब्ध कराए जाने वाले लोगों की श्रेणी में इन्हें शामिल किया जाएगा। इसके लिए 15 दिसंबर से सर्वे शुरू किया जा रहा है।
ऐसे बनेगी राशन पात्रता पर्ची।
सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे में ऐसे सभी स्थानों पर प्रशासन की टीम जाएगी और लोगों से बात करेगी। उनसे पूछा जाएगा कि क्या उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सस्ता राशन मिल रहा है या नहीं। उनकी पात्रता पर्ची बनी है या नहीं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र परिवार की श्रेणी में वे शामिल हैं या नहीं। प्रदेश में पात्रता पर्ची बनाने के लिए हितग्राही का आधार नंबर तथा श्रेणियों में पात्रता श्रेणी का प्रमाणीकरण आवश्यक है।
जिनपर दस्तावेज नहीं उन्हें SDM करेंगे प्रमाणित।
सर्वे में कुछ व्यक्ति ऐसे भी हो सकते हैं, जिनके पास कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं होगा। ऐसे में उनका संबंधित निकाय के एसडीएम से प्रमाणीकरण करवाया जाएगा। उनको अन्य वंचित श्रेणी में रखकर प्राथमिकता से राशन पात्रता पर्ची बनाई जाएगी, ताकि उनके लिए आधार नंबर की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए योजना का लाभ दिलाया जा सके। खाद्य विभाग जो सर्वे कराने जा रहा है, उसमें ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाएगा जहां मांगकर गुजारा करने वाले लोग रहते हैं। पंद्रह दिसंबर तक प्रदेश के सभी निकायों में ऐसे स्थानों की सूची तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद सर्वे टीमें तैयार की जाएंगी। इन दलों को ऐसे परिवारों को खोजने और उन्हें राशन दिलाने के लिए क्या-क्या प्रक्रिया अपनाना है इसका 24 दिसंबर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार के निर्देश पर नगरीय प्रशासन और खाद्य विभाग पहले भिक्षुओं को तलाश करेगी और फिर उनके दस्तावेज चेक करेगी।
एमपी में 28 हजार से अधिक।
दरअसल, भारत में भिखारियों की संख्या को लेकर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में कुल 4 लाख 13 हजार 670 भिखारी हैं। इनमें 2 लाख 21 हजार 673 पुरुष और 1लाख 91हजार 997 महिलाएं हैं। मार्च 2018 में जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में भिखारियों की संख्या 28,695 बताई गई है।