संस्था के प्रबंधक सहकारिता की जांच में फंसे लोकायुक्त ने भी 16 लोगों को तलब किया।
ऑडिट के साथ सदस्यता सूची प्रकाशित करने के आदेश।
भूखंडों के आवंटन और सदस्यता पर लगाया प्रतिबंध, पुरानी तारीखों में कर रहे थे खेल।
♦️कीर्ति राणा ♦️
इंदौर : गांधीनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था में अध्यक्ष-प्रबंधक की मनमानी के खिलाफ निरंतर की गई शिकायतों की जांच में उदासीनता बरतने वाले सहकारिता विभाग को खुद की छवि साफ-सुथरी दिखाने के लिए अंतत: एक्शन लेना ही पड़ा है।संस्था प्रबंधक फूलचंद पांडे सहकारिता विभाग की जांच में तो उलझे ही हैं लोकायुक्त पुलिस ने भी संस्था में चल रहे घपलों की जांच में प्रबंधक पांडे सहित 16 लोगों को नोटिस जारी कर तलब किया है।
संस्था के सदस्यों द्वारा सहकारिता विभाग, कलेक्टर आदि से गत चार सालों से सप्रमाण शिकायतें की जा रही थी।सहकारिता विभाग द्वारा कोई एक्शन नहीं लिये जाने से प्रताड़ित सदस्यों को लगने लगा था कि विभाग के अधिकारियों की प्रबंधक से सेटिंग हो गई है।
संयुक्त आयुक्त मकवाना ने 7 अगस्त को उपायुक्त गजभिये को संस्था की जांच कर 7 सितंबर तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।हाल ही में सौंपी गई इस जांच रिपोर्ट के बाद घोटालों में लिप्त गांधी नगर गृह निर्माण संस्था के संचालक मंडल को नवीन सदस्यता प्रदान करने की प्रक्रिया तुरंत प्रभाव से रोकने के साथ भूखंडों के आवंटन और पंजीयन ना करने के भी निर्देश दिए हैं। उपायुक्त मदन गजभिये ने इस आशय का नोटिस अध्यक्ष को थमाया है।साथ ही सदस्यता और प्राथमिकता सूची का प्रकाशन करने और कोर्ट तथा थाने में जब्त रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रतियां भी प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं।दूसरी तरफ भूखंड घोटाले में लिप्त प्रबंधक फूलचंद पांडे के खिलाफ भी लोकायुक्त ने पिछले दिनों प्रकरण दर्ज किया था । इसी मामले में पूछताछ के लिए प्रबंधक, संचालक, शिकायतकर्ताओं सहित 16 लोगों को तलब किया है।
पिछले दिनों हुई साधारण सभा में भी भूखंड नहीं मिलने से क्षुब्ध सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उनकी अपेक्षा उन लोगों को भूखंड दिये जा रहे हैं जिनकी प्रबंधक से साठगांठ है। इस बैठक में जमकर हुए हंगामे के दौरान प्रबंधक पांडे के साथ बैठक में शामिल गैर सदस्य ढाबा संचालक अनिल चौधरी और उसके साथियों ने पूर्व अध्यक्ष विक्रमसिंह चौहान पर हमला कर दिया था। फरियादी चौहान ने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, पुलिस ने आरोपियों का जुलूस भी निकाला था। संस्था प्रबंधक फूलचंद पांडे पर भी भूखंडों के अवैध आवंटन, रिकॉर्डों में हेरा-फेरी के साथ गुंडागर्दी करने के भी आरोप संस्था के जीतू गोयल सहित अन्य सदस्यों ने लगाए। 400 से अधिक पेज की जांच रिपोर्ट भी कुछ समय पूर्व तैयार हुई थी।
28 करोड़ के भूखंडों की अवैध बिक्री की शिकायत कलेक्टर से भी की थी।
कलेक्टर से जनसुनवाई में पीड़ित सदस्यों ने आरोप लगाया था कि 28 करोड़ रुपए के अवैध भूखंड भी प्रबंधक सहित अन्य कर्ताधर्ताओं ने बेच डाले, जिसमें फर्जी नक्शा बनाकर 80 भूखंडों के अलावा स्वीपर लेन के 20 भूखंड भी शामिल हैं,जबकि 200 से अधिक वैध सदस्य भूखंड प्राप्ति के लिये वर्षों से भटक रहे हैं।कलेक्टर से मुलाकात के बाद शिकायत लेकर सहकारिता विभाग भी पहुंचे थे। उपायुक्त सहकारिता मदन गजभिये ने अध्यक्ष आरपीएस तोमर को धारा 59 के तहत कराई जांच प्रतिवेदन के संबंध में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। संस्था का काफी रिकॉर्ड थाना एरोड्रम द्वारा भी जब्त किया गया है और 225 भूखंडों की जांच भी चल रही है। अभी संस्था अध्यक्ष को सहकारिता विभाग ने जारी किए गए नोटिस में कहा है कि कोर्ट और थाने में जब्त रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रति प्राप्त की जाए। साथ ही ऑडिट कराने के साथ सदस्यता सूची भी प्रकाशित हो। तब तक संस्था की नवीन सदस्यता किसी को भी प्रदान नहीं की जाए और ना ही किसी सदस्य को भूखंडों का आवंटन और पंजीयन किया जाए। लोकायुक्त ने प्रबंधक फूलचंद पांडे के खिलाफ जो प्रकरण दर्ज किया है उसमें उप पुलिस अधीक्षक प्रवीणसिंह बघेल ने 25 अक्टूबर को लोकायुक्त कार्यालय मोती बंगला पर बयान के लिए तलब किया गया है।
🔹धारा 59 के तहत चार साल पहले सौंपी थी 425 पन्नों की जांच रिपोर्ट।
गांधीनगर संस्था में चल रही धांधली संबंधी विभिन्न शिकायत के संबंध में उपायुक्त सहकारिता द्वारा धारा 59 की जांच अधिकारी जीएस परिहार द्वारा की गई थी।परिहार द्वारा 2020 में 425 पृष्ठ का संस्था में की गई अनियमिताओं की जांच का प्रतिवेदन उपायुक्त सहकारिता को दिया गया था उक्त जांच प्रतिवेदन में 300 से अधिक प्लाट बेनाम थे । शिकायतकर्ता जितेंद्र अग्रवाल ने कार्रवाई नहीं करने की शिकायत कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक ,सहकारी संस्थाये, मध्य प्रदेश भोपाल में की थी। कार्यालय आयुक्त सहकारिता मध्य प्रदेश द्वारा दिनांक 23 फरवरी 2024 को पत्र क्रमांक/ गृह निर्माण/ 2024/ 111 को प्रति संयुक्त आयुक्त सहकारिता इंदौर संभाग को धारा 60 अंतर्गत निरीक्षण हेतु आदेश प्रदान किए गए थे। उक्त आदेश में जांच / निरीक्षण पूर्ण कर, पाए गए तथ्यों के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई कर सुस्पष्ट अभिमत सहित तथ्यात्मक प्रतिवेदन 15 दिन की अवधि में कार्यालय को प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।संयुक्त आयुक्त सहकारिता इंदौर द्वारा निरीक्षण दल का गठन किया गया एवं उपायुक्त सहकारिता व उप पंजीयक,सहकारी संस्थाएं जिला खरगोन को दल प्रमुख बनाया गया था। इस जांच दल ने 23 जुलाई 2024 को निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। निष्कर्ष में पूर्व में जीएस परिहार द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट को धारा 59 की जांच में दिए गए निष्कर्ष को ही आधार माना। यह प्रतिवेदन संयुक्त आयुक्त के समक्ष पेश किया गया था।