मंदसौर में बाढ़ पीड़ितों के साथ धरने पर बैठे पूर्व सीएम शिवराज

  
Last Updated:  September 21, 2019 " 04:35 pm"

मंदसौर : पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान मंदसौर- नीमच में डेरा जमाकर बाढ़ पीड़ितों का दुःख- दर्द बॉटने के साथ उनकी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। उनकी सक्रियता कमलनाथ सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गई है। शनिवार को शिवराज सिंह मंदसौर में कलेक्ट्रेट के सामने बाढ़ पीड़ितों की मांग को लेकर आयोजित धरना में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि किसान बर्बाद हो गये हैं। दुकानदार भी तबाह हो गये हैं। लोगों का जीवन पर पटरी पर आ जाये, यही हमारी कोशिश है। यह रचनात्मक आंदोलन है। एक तरफ हम सरकार से अपील कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री, मंत्री इस मामले की गंभीरता समझें। लोकतंत्र में तंत्र लोक के लिए है, लेकिन तंत्र और शासन सो रहा है। हम उसको उठाने और जगाने आये हैं। अगर उसने राहत व मुआवजे के लिए ठीक कार्रवाई नहीं की, तो हम फिर मजबूर होकर सड़क पर लड़ाई लड़ेंगे।

फसलों व चल- अचल संपत्ति को हुआ है भारी नुकसान।

मंदसौर- नीमच में अतिवर्षा के कारण भारी तबाही हुई है। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं वहीं हजारों घर भी धराशायी हो गए हैं। बाढ़ का पानी उतरने के बाद तबाही का मंजर चहुंओर पसरा नजर आ रहा है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह बीते कई दिनों से वहां मौजूद हैं वे गांव- गांव जाकर बाढ़ से हुई तबाही का जायजा ले रहे हैं। पीड़ित किसानों और आम लोगों में गुस्सा इस बात को लेकर है कि सीएम कमलनाथ और उनकी कैबिनेट के मंत्री अभी तक उनका दुःख- दर्द जानने नहीं आए हैं। वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करें। फसलों व घरों- दुकानों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा उन्हें दिया जाए वहीं फसल बीमा की राशि उन्हें जल्द मुहैया करवाई जाए। हालांकि फिलहाल सरकार की ओर से कोई राहत नही मिलने की बात बाढ़ पीड़ित किसान व आम लोग कह रहे हैं।

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