भोपाल। शिवराज सिंह सरकार की तीसरी पारी का फाइनल राउंड शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि जल्द ही मंत्रीमंडल का विस्तार होगा। इसमें किसी का कद कम, किसी का बढ़ाया जाएगा लेकिन खास बात यह है कि 6 नए मंत्री शामिल होंगे। इस विस्तार के पीछे कई कारण हैं। जहां एक ओर 2018 में जीत का गणित जोड़ा जा रहा है तो दूसरी ओर अनहोनी की संभावनाओं को ध्यान में भी रखा जा रहा है। शिकायतों के चलते कई मंत्रियों के जिले के प्रभार भी बदले जा सकते हैं। प्रदेश में अभी 19 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री हैं। विधायकों की संख्या के मान से सीएम अभी छह विधायकों को और मौका दे सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के बाद यह विस्तार किए जाने की संभावना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपनी तीसरी पारी में अब तक दो बार मंत्रिमंडल विस्तार कर चुके हैं। शिवराज सिंह ने सीएम बनने बाद पहली बार अपने मंत्रिमंडल में 20 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्रियों को जगह दी थी। जुलाई 2015 में भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद 30 जून 2016 को हुए दूसरे विस्तार में उम्र का हवाला देते हुए बाबूलाल गौर और सरताज सिंह से इस्तीफा ले लिया गया और चार कैबिनेट व पांच राज्यमंत्रियों समेत नौ लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। कैबिनेट मंत्री ज्ञान सिंह सांसद बनने के बाद इसी महीने अपनी पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
माना जा रहा है कि इसमें इंदौर को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकता है। कैलाश विजयवर्गीय के इस्तीफे के बाद से अब तक यहां से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। शिवराज सिंह को इसका काफी खामियाजा भुगतना पड़ा है। अब चुनावी साल में वो कोई झंझट नहीं चाहते। इसके अलावा बुंदेलखंड, विंध्य और महाकौशल से भी एक-एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है।
प्रभार के जिलों में भी होगा बदलाव
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ प्रभार के जिलों में भी बदलाव तय माना जा रहा है। ज्ञान सिंह के इस्तीफे और हर्ष सिंह के बीमार रहने से प्रभार के जिलों का गणित गड़बड़ा गया है। ज्ञान सिंह कटनी और डिंडोरी जिले के प्रभारी थे। इसके अलावा हर्ष सिंह सीधी के प्रभारी थे। संगठन सूत्रों की माने तो कुछ मंत्रियों के प्रभार के जिलों में शिकायतों के चलते भी फेरबदल किया जा सकता है। इसमें मंत्री ओमप्रकाश सिंह धुर्वे का नाम भी शामिल है। उनसे सतना का प्रभार लिए जाने की चर्चाएं हैं।
विभागों में होगा बड़ा बदलाव
किसान आंदोलन के बाद विभागों में बड़ा फेरबदल किए जाने के संकेत सूत्र दे रहे हैं। माना जा रहा है कि किसानों से सीधे जुड़े विभागों के मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे। किसान आंदोलन में इन मंत्रियों के विभागों का काम बेहतर नहीं पाया गया है। इसके अलावा परफार्मेन्स रिपोर्ट केआधार पर भी कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव तय माना जा रहा है