मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद ने न्यायिक कार्य से विरत रहने के निर्णय को सही ठहराया

  
Last Updated:  March 24, 2023 " 11:45 pm"

पक्षकारों के हितों की लड़ाई लड़ने का किया दावा।

इंदौर : मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद ने जिला व हाईकोर्ट में तीन दिन (23 से 25 मार्च) न्यायिक कार्य से विरत रहने के अपने फैसले को सही ठहराया है। मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट प्रेम सिंह भदौरिया ने बताया कि वे आगे की रणनीति के बारे में सभी साथियों के साथ 26 मार्च को बैठक करेंगे।

पक्षकारों की लड़ रहे लड़ाई।

भदौरिया ने कहा कि वे पक्षकारों के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा जिला न्यायालयों में प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में करने का आदेश जारी किया गया है, जो न्यायसंगत नहीं है। इससे पक्षकारों के हितों पर कुठाराघात होता है। इसी आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर वे न्यायिक कार्य से विरत हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देश को लेकर उनका कहना था कि राज्य अधिवक्ता परिषद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अधीनस्थ संस्था नहीं है।

एडवोकेट भदौरिया ने हाइकोर्ट में न्यायाधीशों के रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने की भी मांग की है।

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