मप्र स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में शुरू हुआ सात दिवसीय कार्यक्रमों का सिलसिला

  
Last Updated:  November 2, 2022 " 03:36 pm"

पहले दिन मध्यप्रदेश गान के साथ ही स्कूलों में बच्चों को बतायी गयी गौरव गाथाएं और प्रदेश की विशेषताएं।

प्रभात फेरियों का भी हुआ आयोजन।

इंदौर : मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर मंगलवार से 7 दिनी कार्यक्रमों के आयोजन का सिलसिला प्रारंभ हो गया। पहले दिन कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों में मध्यप्रदेश गान किया गया। मध्यप्रदेश गान सभी शासकीय स्कूलों में भी हुआ। साथ ही स्कूलों में मध्यप्रदेश के शहीदों की स्वतंत्रता के आंदोलन में भूमिका के बारे में जानकारी दी गयी। मध्यप्रदेश की विशेषताओं के बारे में भी बताया गया। जिले में स्कूलों द्वारा प्रभात फेरियों का आयोजन भी किया गया। इंदौर जिले में 7 नवंबर तक होने वाले कार्यक्रम “मध्यप्रदेश उत्सव” के रूप में आयोजित किए जाएंगे। सात दिन चलने वाली गतिविधियाँ जन-उत्सव के रूप में आनंद और अधिक से अधिक जन-भागीदारी के साथ होंगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर जिले में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के प्रभावी कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को जवाबदारी सौंपी है।
जिले में शासकीय भवनों पर रोशनी की गयी है। दो नवंबर को लाड़ली लक्ष्मी वाटिका और लाड़ली लक्ष्मी पथ का लोकार्पण किया गया। तीन नवम्बर को स्वच्छता पर केन्द्रित गतिविधियों में ऐतिहासिक स्थलों, महापुरूषों की प्रतिमाओं की साफ-सफाई होगी तथा प्रमुख स्थानों पर 67 दीप भी प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। स्वच्छता में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा। 3 से 6 नवम्बर तक खेल प्रतियोगिताएँ होंगी। ग्राम पंचायत तथा विकासखंड स्तर पर कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, रस्साकशी, वॉलीबॉल तथा फुटबाल की प्रतियोगिताएँ होंगी। बच्चों, युवाओं, महिलाओं और वृद्धों के लिए भी अन्य गतिविधियाँ करने के निर्देश दिए गए हैं।

बताया गया कि 4 नवम्बर को रोजगार दिवस और “एक जिला-एक उत्पाद” पर आधारित कार्यक्रम किए जाएंगे। पाँच नवम्बर को मध्यप्रदेश के गौरव पर केन्द्रित गतिविधियाँ होंगी। इसमें सभी शिक्षण संस्थाओं में नाटक, लोकनृत्य और जन नायकों पर केन्द्रित नाट्य प्रस्तुति और देश भक्ति के गीतों पर प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी। इसी क्रम में 6 नवम्बर को वन्य-प्राणी सुरक्षा, ऊर्जा-संरक्षण एवं साक्षरता और पर्यावरण-संरक्षण से संबंधित गतिविधियाँ होंगी। इसमें स्कूली बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, दौड़ और क्विज का आयोजन भी किया जाएगा। वन्य-जीव और वनों की सुरक्षा पर गतिविधियाँ करने के निर्देश दिए गए हैं। सात नवम्बर को सप्ताह भर हुई प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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