हुकूमत जज्बातों से नहीं तलवारों से चलती है।
जंग हिम्मत से जीती जाती है।
अहिल्या उत्सव समिति की एतिहासिक व्यक्ति दर्शन प्रतियोगिता में बच्चों ने दी प्रभावी प्रस्तुति।
इंदौर : शत्रु चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो उसे अपनी इच्छाशक्ति से पराजित किया जा सकता है। ईश्वर की शपथ लेकर देश से मुगलों का सफाया कर हिंदवी स्वराज्य स्थापित करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज बनकर आए हर्ष राज परमार ने अहिल्या उत्सव समिति द्वारा आयोजित ऐतिहासिक व्यक्ति दर्शन प्रतियोगिता में अपने विचार छत्रपति शिवाजी के रूप में व्यक्त किए । वहीं पृथ्वीराज चौहान के शब्द, हुकूमत जज्बातों से नहीं तलवारों से चलती है, ने उपस्थित श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। सुषमा स्वराज बनकर आई बच्ची ने जब कहा कि संस्कृत विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है और शब्द ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को व्यक्त करते हैं तो सभी के मन मस्तिष्क में सुषमा स्वराज का संसद में दिया हुआ वह भाषण ताजा हो गया जिसमें उन्होंने संस्कृत की महत्ता को प्रतिपादित किया था। समीर जाधव ने वीर सावरकर बनकर कहा कि देश महातीर्थों का है, काला पानी का नहीं। शिव व्यास अब्दुल कलाम आजाद के व्यक्तित्व को परिभाषित कर रहे थे। अक्षत सोलंकी ने सुभाष चंद्र बोस के स्वरूप को धारण कर कहा कि जीवन का प्रत्येक क्षण एक परीक्षा है, इसमें हमें उत्तीर्ण होना ही है ।ईश्वर सिंह बनकर आए बच्चे ने कहा कि जंग हथियारों से नहीं जीती जाती ,बड़ी बड़ी फौज से भी जीती नहीं जाती यह तो हौसलों से जीती जाती है।
इस प्रतियोगिता में मीराबाई, चाणक्य, चंद्रशेखर आजाद ,भगत सिंह, अहिल्याबाई, महाराणा प्रताप, स्वामी विवेकानंद, बाल गंगाधर तिलक ,पृथ्वीराज चौहान, रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पांडे सहित अनेक किरदारों को बच्चों ने जीवंत किया और उनके जीवन के सूत्र वाक्यों को उन्हीं के अंदाज में दोहरा कर स्वयं के साथ उपस्थित लोगों को भारतीय इतिहास पर गर्व करने का एहसास कराया।
उत्सव प्रतियोगिता प्रमुख सुधीर दांडेकर एवं संयोजक शैलजा मिश्रा ने बताया कि प्रतियोगिता का आयोजन पिंक फ्लावर स्कूल, माधव विद्यापीठ वैशाली नगर एवं सांदीपनि स्कूल नारायण बाग पर किया गया था। इनमें करीब 150 से अधिक बच्चे शामिल हुए। प्रतियोगिता कक्षा 4 से सातवीं तक एवं कक्षा आठ से 10वीं तक दो वर्गों में आयोजित की गई थी। निर्णायक के रूप में पिंक फ्लावर स्कूल में घनश्याम कोठारी एवं इंदूरकर, माधव विद्या पीठ में नीलिमा होलकर एवं सतीश मुंगरे तथा सांदीपनि स्कूल में श्रीमती मलमकर एवं वैशाली फडके उपस्थित थी। पिंक फ्लावर स्कूल में विजेता साक्षी माली ,वृद्धि सिंह ,प्रतिभा शिंदे, तनिष्का नेरे, वैभवी श्रीवास्तव, ध्वनि देसाई, एवं वंशिका रही। सुनीता चौखंडे अतिथि के बतौर मौजूद थी।माधव विद्या पीठ में विजेता प्रिषिता गुप्ता,आर्वा सिंह, रियांश नानेरिया, कनक जैन, अवनी चड्ढा, शिवा अनिल व्यास रहे। यहां अतिथि के रूप में कृष्ण कुमार अष्ठाना ,कंचन गिदवानी एवं प्रशांत बडवे मौजूद थे। सांदीपनि स्कूल में विजेता आदर्श लश्करी मेघांश नाभलें, अंजली नीमा, अदिति अग्रवाल, विनय सावंत, आदिति पगारे रहे। अतिथि के रूप में शांता सोनी मौजूद रहीं। उपरोक्त जानकारी नितिन तापड़िया ने दी।