मालू से बदतमीजी के मामले में एसआई निलंबित, दो आरक्षक लाइन अटैच

  
Last Updated:  August 20, 2021 " 04:34 pm"

इंदौर : गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया की रथयात्रा के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू के साथ अभद्रता करने के मामले में एसआई माधवसिंह भदौरिया को निलंबित कर दिया गया है। आरक्षक शमीम और रामलखन शर्मा लाइन अटैच किए गए हैं।

छावनी क्षेत्र में की थी बदसलूकी।

जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान छावनी स्थित जगन्नाथ स्कूल में चल रहे टीकाकरण केंद्र का अवलोकन करने ज्योतिरादित्य सिंधिया रथ से उतरकर पहुंचे थे। उनके पीछे बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू भी टीकाकरण केंद्र में जाने लगे। इस पर वहां तैनात एसआई माधवसिंह भदौरिया व आरक्षक शमीम और रामलखन शर्मा ने उन्हें रोक दिया और बदसलूकी करते हुए धक्का देकर एक ओर कर दिया। पुलिसकर्मियों की इस बदतमीजी पर मालू की एसआई भदौरिया से बहस भी हुई। बाद में गोविंद मालू वहां से चले गए। गोविंद मालू तो इस घटना को तूल देने के पक्ष में नहीं थे, उन्होंने सम्बंधित पुलिसकर्मियों को माफ भी कर दिया था पर उनके साथ बदसलूकी का वीडियो वायरल होने से मामले ने तूल पकड़ लिया। मालू के समर्थक अजय सारडा व अन्य लोगों ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस ने भी मालू के साथ हुई घटना को लेकर बीजेपी और प्रदेश सरकार पर तंज कसा था। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तक भी इस घटना की जानकारी पहुंची। इसके बाद गृहमंत्री के दफ्तर से निर्देश जारी होते ही हरकत में आए वरिष्ठ अधिकारियों ने एसआई भदौरिया को निलंबित करते हुए आरक्षक शमीम व रामलखन शर्मा को लाइन अटैच कर दिया।

बीजेपी नेताओं ने नहीं की घटना की निंदा..!

इस समूचे घटनाक्रम में अखरने वाली बात ये रही कि वरिष्ठ नेता गोविंद मालू के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई अभद्रता का वीडियो वायरल होने के बावजूद नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, सांसद लालवानी सहित किसी भी बीजेपी नेता ने इस घटना की निंदा नहीं की और न ही कोई बयान जारी किया। इसको लेकर कार्यकर्ताओं में भी आक्रोश देखा गया। उनका कहना था कि जब पार्टी के वरिष्ठ नेता के साथ पुलिसकर्मी इसतरह बदतमीजी कर सकते हैं तो उनके सम्मान की रक्षा कौन करेगा। वे चाहते थे कि इस मामले में दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हो। दूसरे सोशल मीडिया पर भी यह घटना ट्रेंड कर रही थी। चारो तरफ से भद पिटते देख प्रदेश सरकार ने मामले का संज्ञान लिया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।

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