संयुक्त राष्ट्र संघ में अब किसी भी मुद्दे पर भारत के मत को दी जाती है अहमियत : महापौर

  
Last Updated:  April 20, 2024 " 04:05 pm"

तीन दिवसीय प्रेस्टीज मॉडल्स यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस 2024 की शुरुआत। 

इंदौर : मॉडल्स यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस संयुक्त राष्ट्रसंघ के कार्यकलापों को समझने का सबसे अच्छा तरीका है। संयुक्त राष्ट्रसंघ में किसी भी मुद्दे को ले कर अब भारत के मत को अहमियत दी जाती है। यह बात इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च द्वारा आयोजित तीन दिवसीय मॉडल यूनाइटेड नेशंस को सम्बोधित करते हुए कही।  भार्गव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को समझने के लिए वैसे तो बहुत से कार्यक्रम होते हैं पर कश्मीर का मामला उसे समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।  कश्मीर से धारा 370 को हटाने की घटना को अतिम हत्वपूर्ण मानते हुए महापौर ने कहा कि  इसके हटने के बाद जो सबसे बड़ा बदलाव आया वो काश्मीर में कहीं भी तिरंगा फहराने की स्वतंत्रता है, जिसकी कल्पना 2019 से पहले नहीं की जा सकती थी।

उद्यमी एवं समाजसेवी  अभिषेक बर्डिया ने कहा कि विश्व में हो रही किसी भी घटना के पीछे आर्म्स, फार्मा और ऑयल तीन महत्वपूर्ण कारक हैं।विश्व में हो रहे अनेक युद्ध एवं घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि क्या हो रहा है ये महत्वपूर्ण नहीं हैं बल्कि क्यों हो रहा है ये महत्वपूर्ण है।

समाज सेविका माला सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत सिर्फ वसुधैव कुटुंबकम कहता ही नहीं,उस पर अमल भी करता है। हर देश, दूसरे देश को व्यापार का जरिया मानता है जबकि भारत हर देश को परिवार मानता है। उन्होंने छात्रों से भारत को सर्वोपरि मानते हुए यूनाइटेड नेशंस के 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अपनी सहभागिता प्रदर्शित करने का आह्वान किया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज वाधवानी ने भी अपने विचार रखे। 

पीआईएमआर के डायरेक्टर,डॉ. कर्नल एस रमन अय्यर ने कहा कि यूनाइटेड नेशंस में सभी डेलीगेट्स एक उद्देश्य के लिए एक प्लेटफार्म पर साथ आते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि वो राष्ट्रीय और लगातार बदलती राजनैतिक गतिविधियों को पढ़ते रहें और हर घटना के पीछे की वजह को समझने की कोशिश करें ।

प्रेस्टीज मॉडल्स यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस 2024 को 5 विभागों इंटरनेशनल प्रेस, यू.एन.सी.एस.डब्ल्यू, लोक सभा , एस. ओ. सी. एच. यू और एम. , डी. आई. एस. ई. सी. में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रेस्टीज सहित इंदौर के सभी प्रमुख स्कूलों के 200 से अधिक छात्र, छात्राएं भाग ले रहे हैं।

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