इंदौर : गुरुवार एक अप्रैल को न्यायाधीश शहाबुदृदीन हाशमी 27 वें अपर सत्र न्यायाधीश जिला इंदौर की अदालत ने थाना क्षिप्रा के अपराध क्रमांक 135/2016 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी अशोक पिता भैरू प्रसाद मिश्रा आयु 52 वर्ष निवासी विजयनगर इंदौर को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास तथा 1000/- रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि की अदायगी न किए जाने पर 6 माह का अतिरिक्त् कारावास भुगताए जाने का आदेश दिया गया। इसी के साथ धारा 450 भादवि में 07 वर्ष का कारावास एवं 500 रूपये अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किए जाने पर 03 माह का अतिरिक्त् कारावास भुगताए जाने का भी आदेश दिया गया। इसीतरह धारा 25 एवं धारा 27 आयुध अधिनियम में क्रमश: 03 वर्ष व 05 वर्ष का कारावास व क्रमश: 200/- एवं 300/- रूपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि की अदायगी न किये जाने पर क्रमश: 01 व 02 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताए जाने का भी दंडादेश दिया गया है। प्रकरण में अभियेाजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी लतिका जमरा द्वारा की गई । उक्त प्रकरण को शासन द्वारा चिन्ह्ति प्रकरण की श्रेणी में रखा गया था।
ये था पूरा मामला।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी सुनील चौधरी ने थाना क्षिप्रा पर 15.05.016 को मौखिक रिपोर्ट की थी कि वह दोपहर 02:00 बजे के लगभग श्रीराम मेडिकल डकाच्या पर इलाज हेतु गया था वहां डॉक्टर कोठारी नहीं थे। मेडिकल पर डॉक्टर साहब का लडका पंकज उर्फ मोनू बैठा था। उसने बताया कि 10 मिनट इंतजार करो डॉक्टर साहब आने वाले हैं। इतने में डॉक्टर साहब क्लिनिक पर आ गये। उन्होंने जांच कर मुझे पर्ची पर दवाई लिखी और पंकज को कहा इंजेक्शन और बॉटल लगाने के लिए निकाल दो। डॉक्टर ने बोला कि थोडा पानी पीकर आराम कर लो, बॉटल बाद में लगाऊंगा। इस पर वह मेडिकल के पीछे वाले कमरे में जाकर लेटा ही था कि उसे गोली चलने की आवाज आई जब वह उठकर देखने गया तो अशोक मिश्रा वी. एच. पी. मेडिकल स्टोर वाला वहां था। उसके हाथ में पिस्टल थी, जिससे उसने पंकज पर जान से मारने की नीयत से फायर कर उसे घायल कर दिया था। पंकज को छाती व पेट में गोली लगने से खून वह रहा था। उसके बाद आरोपी अशोक डॉक्टर साहब के केबिन में गया और उनके साथ भी मारपीट करने लगा। उसने और डॉक्टर साहब ने आरोपी को पकडने की कोशिश की तो वह भाग गया। उसके बाद पंकज को घायल अवस्था में डॉक्टर कोठारी और एक अन्य व्यक्त्िा रूपेश इलाज के लिए इंदौर अस्पताल ले गए थे, जहां उसने दम तोड़ दिया। उक्त घटना को डॉक्टर कोठारी, फरियादी व इलाज कराने आई दो महिलाओं द्वारा देखी गई। उक्त सूचना पर से अपराध पंजीबद्ध किया गया। बाद विवेचना व अनुसंधान चालान न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। मामले की सुनवाई के बाद आरोपी को उक्त दंड से दंडित किया गया।